कोमेन की रफ्तार कम पर बारिश ज्यादा, मानसून भी तेजी से एक्टिव
बंगाल की खाड़ी में उठे ‘कोमेन’ तूफान की रफ्तार कम हो गई है लेकिन फिर भी पूर्वी राज्यों में खूब बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को भी बंगाल और ओडिशा में बारिश से राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून पश्चिम बंगाल, झारखंड में तेजी से एक्टिव हो गया है। नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सक्रिय है। लेकिन अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, गुजरात, मराठवाड़ा, विदर्भ, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कमजोर पड़ गया है।
बंगाल में बिगड़े हालात
बंगाल में मौसम विभाग ने साउथ बंगाल के जिलों में रविवार और सोमवार को भी बारिश की आशंका जताई है। विभाग के मुताबिक, साउथ बंगाल के जिले नॉर्थ 24 परगना, साउथ 24 परगना, बांकुड़ा, पश्चिम और पूर्वी मिदिनापुर, पुरुलिया, बर्द्धमान, कोलकाता और मुर्शिदाबाद में बारिश होगी। 124 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। राज्य में 1.8 लाख घरों को नुकसान पहुंचा है। कोलकाता के अधिकांश हिस्से रविवार को भी पानी में ही हैं। सेंट्रल, साउथ और ईस्ट कोलकाता जैसे हिस्सों के कई इलाकों में पानी भर गया है। गरियाहाट में शनिवार की रात एक पुरानी बिल्डिंग गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बांकुड़ा में बाढ़ के कारण लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ रहा है। जिले में अब तक दस हजारा लोग सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं।
ओडिशा में बाढ़, पांच लाख प्रभावित
ओडिशा में कई जिले पहले ही बाढ़ से जूझ रहे हैं। कोमेन तूफान के कारण पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। पहले से ही करीब 350 गांव और पांच लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य की स्वर्णरेखा और वैतरणी नदियां पूरे उफान पर हैं। बालासोर, भद्रक, जैजपुर और अंगुल जिले में राहत और बचाव के लिए टीमें भेजी गई हैं। बालासोर में तीन लोगों के मरने की खबर है।
राजस्थान में 128 गांवों में पानी राजस्थान में रविवार को भी बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। जालोर में लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारी बारिश से अभी भी 128 गांवों में पानी भरा हुआ है। कई जगह गांवों का आपस में संपर्क कटा हुआ है। बारिश के कारण समदड़ी-भीलड़ी रेल ट्रैक के नीचे से मिट्टी बह गई है। शनिवार को भी इन्हें ठीक नहीं किए जाने से ट्रेनें बंद रहीं। यहां सांचौर और भीनमाल में राहत कार्यों के लिए प्रशासन के स्तर पर 25 टीमें बनाई गई हैं।