जैविक खेती प्राकृतिक तरीके से खेती करने का एक तरीका है, जैविक खेती में उर्वरकों या कीटनाशको के रूप में किसी भी रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जैविक खेती के लिए जैविक खाद को तैयार करना होता है, और जैविक खाद केवल जैविक अपशिष्ट, खेतों के अपशिष्ट, पशु अपशिष्ट, खाद आदि जैसे प्राकृतिक पदार्थो का उपयोग करके किया जाता है। यह मूल रूप से मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ उसे अच्छा और उपजाऊ बनाने में भी मदद करती है।
जैविक खेती का महत्व
जैविक खेती के माध्यम से पर्यावरण शुद्ध रहता है और कम प्रदूषित होता है। इसके अतिरिक्त, जैविक खेती को लोगों को स्वस्थ भोजन प्रदान करने के लिए भी आयात किया जाता है। जैविक प्रक्रिया से उत्पादित शुद्धतम एवं स्वस्थ भोजन को ग्रहण करने से, अनेक प्रकार के घातक बीमारियों का खतरा खत्म हो जाता है। इसके अलावा जैविक खेती में उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक खादों की वजह से मिट्टी और अधिक बेहतर स्थिति में उपजाऊ हो जाती है।
जैविक खेती के फायदे
1. जैविक खेती पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी के अवक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।
2. जैविक खेती में जैविक खपत का उपयोग किया जाता है, इसलिए ये फसलों की अच्छी गुणवत्ता के उच्च उत्पादन के लिए मिट्टी की इष्टतम स्थिति को बनाए रखने में मदद करती है।
3. किसान जैविक खेती में केवल प्राकृतिक और जैविक खाद का ही उपयोग करता हैं इससे उन्हें किसी भी रासायनिक खाद को खरीदने की आवश्यकता भी नही होती और उनके खर्चें भी काफी कम हो जाते हैं।
4. इनके प्रयोग से उपज में लगभग 10-15 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
5. यह रासायनिक खादों विशेष रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस की जरूरत का 20-25 प्रतिशत तक पूरा करते हैं।
6. जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं।
7. इनके प्रयोग से गन्ने में शर्करा की, मक्का व आलू में स्टार्च तथा तिलहनों में तेल की मात्रा में वृद्धि होती है।
जैविक खेती से पर्यावरण को होने वाले लाभ :
1. भूमि का जलस्तर तो बढ़ता ही है, साथ ही साथ रसायनिक चीजों के प्रयोग को रोकने से मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन मे पानी से होने वाले प्रदूषण मे भी कमि आति है।
2. पशुओ का गोबर और कचरे का प्रयोग खाद बनाने मे करने से प्रदूषण मे कमि आति है और इसके कारण होने वाले मच्छर और अन्य गंदगी कम होती है, जिससे बीमारियो की रोकथाम होती है।
3. अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार को देखा जाए, तो वहा भी जैविक खेती के द्वारा उतापादित हुये पदार्थो की ज्यादा माँग है।
जैविक खेती से उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता
रासायनिक खेती से उत्पादित खाद्य पदार्थों में रसायन इस्तेमाल का स्तर काफी ज्यादा होता है, अगर इस परेशानी का गहराई से विश्लेषण करेंगे तो हम पाएंगे की इस विधि से खेती करने में कोई दोष नहीं है बल्कि दोष कीटनाशक, और रसायनों का अधिक इस्तेमाल करने से है। और इसमें कहीं न कहीं किसानों द्वारा कम समय में अधिक फसल का उत्पादन करके अधिक आय अर्जित करना भी एक कारण हो सकता है। लेकिन अगर हम बात करे जैविक खेती की बात आती है, तो इसके माध्यम से उगाये गए खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी हैं, क्योकि इनमे किसी प्रकार का विषाक्त स्तर नहीं होता है।