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लुधियाना : हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पंजाब के किसानों एवं उद्यमियों से आह्वान किया है कि वे देश के विकास के साथ-साथ मानवता के सही विकास के लिए भी अपना योगदान जरूर दें। राज्यपाल ने कृषि क्षेत्र में बढ़ रही रसायनिक खेती पर चिंता जताते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती करने की और प्रेरित किया। राज्यपाल ने आंकड़ों के साथ समझाया कि प्राकृतिक खेती से भी अधिक पैदावार ली जा सकती है। उन्होंने ऐलान किया कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2022 तक जहर मुक्त खेती वाला राज्य घोषित कर दिया जाएगा। उनका दावा था कि कीटनाशकों के चलते चालीस फीसद तक पर्यावरण को नुकसान में कृषि का योगदान है। आचार्य देवव्रत सोमवार को होटल पार्क प्लाजा में लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन के सालाना अवार्ड समारोह में बोल रहे थे।
नुकसान बताते हुए राज्यपाल बोले की रसायनिक खेती से जलवायु परिवर्तन, जमीनी पानी का स्तर नीचे जाना, जमीनी पानी की गुणवत्ता में लगातार कमी और मानव में बीमारियां बढ़ रही हैं। रसायनिक खेती मानव के साथ साथ जीव-जंतुओं के लिए भी घातक है।राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में जमीनी पानी सालाना चार फीट तक नीचे जा रहा है। यह गंभीर समस्या है। हालत यह है कि रसायनिक खेती के चलते पिछले तीस साल में पानी की गुणवत्ता इतनी खराब हो रही है कि अब पीने के लिए बोतल के पानी की जरूरत पड़ रही है। हालत यह है कि अब घातक बीमारियां शहरों के बाद गांवों में भी पैर पसार रही हैं। इनका एक ही कारण रसायनिक खेती है। इसी के चलते जमीन का आर्गेनिक कार्बन का स्तर सामान्यत 0.8 एवं 0.9 से गिर कर 0.3 एवं 0.4 पर रह गया है। यह खतरे का संकेत है। रसायनिक खेती से समस्याएं बढ़ रही हैं। राज्यपाल बोले कि रसायनिक खेती से विश्व के कई देश तौबा कर रहे हैं अब हमे भी इससे दूर होना होगा। साफ है कि मानवता की रक्षा के लिए बेहतर विकल्प मौजूद हैं, सिर्फ रास्ता बनाने की जरूरत है। इस अवसर पर हीरो मेजेस्टिक के एमडी महेश मुंजाल, एवन साइकिल्स के ओंकार सिंह पाहवा, जेआर सिंघल, उपकार सिंह आहूजा, केके सेठ, अजीत लाकड़ा, अनिल कुमार, डीएल शर्मा, वीके गोयल समेत कई उद्यमी मौजूद थे।
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