सफल इंसान की कहानी मुश्किल और उतार चढ़ाव के बाद ही बनती है, बिहार के सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड क्षेत्र के महम्मदपुर गांव के शि व प्रसाद सहनी भी इसका एक उदाहरण है। प्राइवेट कंपनी में काम सैलरी की नौकरी से जरूरत पूरी नहीं होते देख शिव प्रसाद ने अठारह वर्ष पहले अपने गांव की ओर रुख किया. खेती-किसानी से ऐसा नाता जोड़ा कि चंद वर्षों में ही अपने कार्यों की बदौलत उनका किसानों के बीच उदाहरण दिया जाने लगा।
एक बीघा जमीन से खेती की शुरु आत करने वाले शिव प्रसाद सब्जियों के बीज तैयार करने के साथ ही दलहन व सब्जी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। यहीं तक नहीं, मत्स्य पालन के क्षैत्र में उनकी पहल की बदौलत अब सोलह पोखरों में मछलीपालन कर रहे हैं। वे अपने यहां मछली पालन के अलावा सब्जी , तेलहन, दलहन वाली फसल की खेती करते हैं. साथ ही बागवानी भी लगाया है. इन सभी कार्यों में उनके एक पुत्न भी सहयोग करते हैं. अब उनके पास में लगभग 70 बिगहा से अधिक जमीन हो गया है. इससे वे साल में लगभग दस लाख से अधिक की आमदनी कर लेते हैं. अपनी कमाई से परिवार को संवारने के साथ ही शिक्षा पर जोर दिया. इसका नतीजा है कि उनकी सभी चार बेटियां शिक्षक हैं।
अधिकारियों की टीम भी करती है निरिक्षण :
इनके द्वारा किये गये समेकित खेती को देखने के लिए जिले से लेकर राजधानी तक के कई वरिष्ठ अधिकारी इनके यहां आते हैं. उनकी खेती को देख कर सभी लोगों ने सराहना की. कृषि विभाग व मत्स्य वि भाग के अधिकारी अब भी पहुंचते हैं. उनके यहां जि ला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्त व, जिला कृषि पदाधिकारी , आत्मा परियोजना पदाधिकारी , नाबार्ड के प्रबंधक अन्य लोग पहुंच चुके हैं. इसके अलावा पटना से भी अन्य विभागों के भी अधि कारी यहां समय समय पर आते रहते हैं. इनके यहां कई बार प्रशिक्षण का भी आयोजन हो चुका है. जब भी मत्स्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण का आयोजन होता है, तो भ्रमण के लिए यहां लोग पहुंचते हैं.