12वीं में पढ़ने वाला बेटा बैल बनकर खींच रहा हल, मां घूंघट में भी देती है साथ

12वीं में पढ़ने वाला बेटा बैल बनकर खींच रहा हल, मां घूंघट में भी देती है साथ
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Kisaan Helpline

Agriculture Jul 01, 2015
बोलाई(इंदौर). गरीबी के कारण 12वीं के छात्र संजय पिता राधेश्याम (17) को इन दिनों बैल बनकर खेत में डोरे खींचना पड़ रहे हैं। शासकीय उमावि गुलाना में 12वीं की पढ़ाई करने वाला संजय बुधवार को भी स्कूल नहीं जा सका। दो बीघा जमीन की गुड़ाई के लिए वह खेत में बैल बनकर डोरे खींचता दिखाई दिया। बैल व अन्य कृषि उपकरण नहीं जुटा पाने के कारण अपने काका विक्रम व संजय के पिता राधेश्याम दोनों मिलकर खेती का काम करते हैं।
ऐसे में बुधवार काे संजय विक्रम के खेत पर पहुंचा। विक्रम ने डोरे का हैंडल थामा। इधर, बैल की जगह एक तरफ संजय और दूसरी तरफ उसकी काकी धापू बाई ने जुड़ा थाम लिया। पूरे दिन वे खेत में खुदाई करते रहे। अगले दिन गुरुवार को संजय के खेत की गुड़ाई करने की बारी आएगी। यहां भी उसे बैल की तरह जुड़ा थाम डोरे खींचना पड़ेंगे। भास्कर में छपी यह तस्वीर कृषि विभाग व प्रदेश सरकार की किसान हितैषी तमाम शासकीय योजनाओं की पोल खोल रही है।

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