Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna: देश के कई राज्यों में इस समय बेमौसम बारिश, आंधी, तूफान और ओलावृष्टि हो रही है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा जिन किसानों की फसल कट चुकी थी, उनके खेतों में पड़ी फसलें नष्ट हो गईं। फसल बर्बाद होने से किसान कई मुश्किलों से घिरा हुआ है और वह आर्थिक रूप से टूट चुका है। लेकिन अब किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। अगर किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं तो उन्हें पूरा मुआवजा मिलेगा। किसानों की इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) शुरूआत की है।
साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत किसान बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है। वहीं, जिन किसानों ने पहले से बीमा करवा रखा है वो फसल नुकसान का क्लेम कर सकते हैं। किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की पूरी भरपाई की जाएगी। लेकिन इसके लिए किसानों को यह जानना जरूरी है कि फसल का बीमा कैसे कराया जाता है। किसानों के पास फसल बीमा है तो क्लेम कैसे करेंगे। आइए आपको बताते हैं कि फसलों का बीमा कैसे होता है और कैसे क्लेम करना है।
फसल बीमा कैसे प्राप्त करें
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा मिलता है। फसल का बीमा कराना काफी आसान है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान किसी भी बैंक का बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ बैंक जाकर एक फॉर्म भरना होता है और फिर उनकी फसल का बीमा हो जाता है। हालांकि, किसानों को अपनी जमीन और अन्य दस्तावेज बैंक में जमा करने होंगे। वहीं अगर किसानों के पास पहले से ही किसी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड है तो वे उस बैंक से ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करा सकते हैं।
इन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
इसके लिए किसानों को जरूरी दस्तावेज चाहिए। किसान बैंक में आधार कार्ड, जमीन से संबंधित कागजात, पटवारी से लिया गया खेत में बोई गई फसल का विवरण और वोटर कार्ड जैसी आईडी ले जाकर फसल बीमा करवा सकता है। इसके बाद आप फसलों के नुकसान के कारण मुआवजे के लिए दावा कर सकते हैं।
72 घंटे के भीतर देनी होगी सूचना
बारिश से खराब हुई फसल का बीमा क्लेम करने के लिए सबसे पहले बीमा कंपनी या कृषि विभाग के कार्यालय में सूचना देनी होगी। सूचना नहीं देने पर आवेदन मान्य नहीं होगा। सूचना मिलने के बाद बीमा कंपनी, बैंक और कृषि विभाग प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। फसल खराब होने के तीन दिन के भीतर यानी 72 घंटे के भीतर सूचना दे दी जाए तो मुआवजा जल्दी मिल जाता है। क्योंकि बीमा कंपनी या कृषि विभाग को नुकसान की पुष्टि करना आसान है।