Soybean Ki Kheti: वर्तमान में जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की खेती होती है वहां सोयाबीन की फसल फूल आने की अवस्था में है। ऐसे में फसल पर चक्र भृंग (girdle beetle), तना मक्खी (stem fly) तथा तम्बाकू की इल्ली (tobacco caterpillar) जैसे कीटों और एन्थ्रेक्नोज, राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट, पीला/सोयाबीन मोज़ेक वायरस जैसी बीमारियों का प्रकोप देखा जा रहा है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसल की लगातार निगरानी करें और किसी भी कीट या बीमारी के लक्षण दिखने पर निम्नलिखित नियंत्रण उपाय अपनाएं।
चक्र भृंग (girdle beetle) का नियंत्रण
जहां पर केवल चक्र भृंग (Girdle Beetle) का प्रकोप हों, इसके नियंत्रण हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे) या थायक्लोप्रिड 21.7 एस.सी. ( 750 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. (1 ली है) या इमामेक्टीन बेन्जोएट) (425 मिली है) का छिड़काव करें। यह भी सलाह दी जाती है कि इसके फैलाव की रोकथाम हेतु प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे के ग्रसित भाग को तोड़कर नष्ट कर दें।
तना मक्खी का नियंत्रण
तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) या बीटा-साइफ्लुथ्रिन 8.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% ओडी (Beta-Cyfluthrin 8.49% + Imidacloprid 19.81% OD) (350 मिली/है) या आइसोसायक्लोसरम 92 WW.DC (10% W/V) DC (600 मिली/हे.) का छिड़काव करें।
पत्ती खाने वाली इल्लियाँ का नियंत्रण

पत्ती खाने वाली इल्लियाँ (सेमीलूपर / तम्बाकू / चने की इल्ली) के एक साथ नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिडकाव करें : एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25% WG (250ग्रा./हे) या ब्रोफ्लानिलाइड 300 एस.सी. ( 42-62 ग्राम/हे). या फ्लूबेडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मि.ली.) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी (333 मि.ली/हे), या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी., (250-300 मिली/हे) या नोवाल्युरोन + इन्डोक्साकार्ब 04.50% एस. सी. (825-875 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. ( 150 मि.ली./हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मि.ली./हे). या फ्लूबेडियामाइड 20डब्ल्यू. जी (250-300 ग्राम/हे) या स्पायनेटोरम 11.7एस.सी (450 मिली/हे केवल तम्बाकू की इल्ली के नियंत्रण हेतु), या पूर्वमिथित वीटासायनि+ इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/ है : सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) या पूर्वमिश्रित थायमिथोक्सम +लैम्बडा सायहेलोथ्रिन (125 मिली / है सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC, (200 मिली/ हे सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए) का छिड़काव करें। इनसे पत्ती खाने वाली इल्लियों के साथ साथ फूल खाने वाली इल्लियों का नियंत्रण हो सकेगा।
फफूंदजनित रोगों का नियंत्रण
फफूंदजनित रोगों के प्रकोप से सुरक्षा हेतु कृषकों को सलाह हैं कि अपनी फसल पर सुरक्षात्मक रूप से टेवूकोनाजोल 25.9 ई.सी. (625 मिली/हे) या टेबूकोनाझोल 10% + सल्फर 65% WG (1250 ग्राम / हे) या कार्बेन्डाजिम + मेन्कोजेब 63% WP (1250 ग्राम/हे) या पिकोक्सीस्ट्रोबिन 22.52% |w/WSC ( 400 मिली/हे) या फ्लुक्साप्राग्रोक्साड 167g/l+ पायरोक्लोस्ट्रोवीन 333 g/lSC (300 ग्रा./हे.) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन 133 g/l+ इपिक्साकोनाजोल 50g/1 SE (750 मिली/हे) या में से किसी एक अनुशंसित फफूंदनाशकों का तुरंत छिड़काव करें।
पीला मोज़ेक/ सोयाबीन मोजैक रोग के नियंत्रण
पीला मोज़ेक/ सोयाबीन मोजैक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्खी की रोकथाम हेतु एसिटेमीप्रीड 25% + वायफेंग्रिन 25% WG (250ग्रा./है) का छिडकाव करें। इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली /हे) या वीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30% + लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 04.60% ZC (200 मिली/हे) का भी छिड़काव किया जा सकता हैं. इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता है। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु किसान भाई अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
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