खरीफ सीजन 2025 में किसानों को राहत: सरकार ने ₹37,216 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी को दी मंजूरी

खरीफ सीजन 2025 में किसानों को राहत: सरकार ने ₹37,216 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी को दी मंजूरी
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Kisaan Helpline

Fertilizer Mar 31, 2025

किसानों के लिए खुशखबरी! केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 (1 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025) के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) उर्वरकों पर ₹37,216.15 करोड़ की न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला हाल ही में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में लिया गया। यह बजट रबी सीजन 2024-25 की तुलना में लगभग ₹13,000 करोड़ अधिक है, जिससे किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराई जा सकेगी।

 

नई सब्सिडी दरें जारी

उर्वरक विभाग द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार, खरीफ 2025 के लिए पोषक तत्वों पर प्रति किलोग्राम सब्सिडी दरें इस प्रकार होंगी:

·         नाइट्रोजन (N): ₹43.02

·         फॉस्फेट (P): ₹43.60

·         पोटाश (K): ₹2.38

·         सल्फर (S): ₹2.61

 

इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न प्रकार के P&K उर्वरकों पर प्रति मीट्रिक टन (MT) सब्सिडी को भी मंजूरी दी है:

·         DAP (18-46-0-0): ₹27,799 प्रति टन

·         MOP (0-0-60-0): ₹1,428 प्रति टन

·         NPK (15-15-15): ₹13,350 प्रति टन

·         यूरिया-SSP कॉम्प्लेक्स (5-15-0-10): ₹8,952 प्रति टन

·         SSP (0-16-0-11): ₹7,263 प्रति टन

 

इसके अलावा, बोरोन और जिंक से फोर्टिफाइड उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें बोरोन के लिए ₹300 और जिंक के लिए ₹500 प्रति टन शामिल है।

 

किसानों को सस्ती खाद मिलेगी

 

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी हुई कीमतों के बावजूद किसानों को DAP खाद ₹1350 प्रति बोरी पर ही मिलेगी। अन्य उर्वरकों की कीमतों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी।

 

सरकार की इस योजना का उद्देश्य किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है।

 

उर्वरक कंपनियों के लिए नए नियम

 

सरकार ने उर्वरक कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक बैग पर:

·         MRP, प्रति बैग सब्सिडी, और प्रति किलोग्राम सब्सिडी को स्पष्ट रूप से प्रिंट करें।

·         अधिक कीमत वसूलने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

·         कंपनियों को अपने कीमतों का ऑडिट कराना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अनुचित मुनाफा नहीं कमा रही हैं।

 

iFMS प्रणाली से उर्वरकों की होगी ट्रैकिंग

 

उर्वरकों के उचित वितरण और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने "इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम (iFMS)" लागू किया है। इसके तहत उर्वरकों की आवाजाही और उपलब्धता ऑनलाइन ट्रैक की जाएगी।

 

सरकार द्वारा दी गई यह सब्सिडी किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम है। इससे खरीफ 2025 में किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध होंगे और कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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