खाली खेतों को ऐसे न छोड़ें- अप्रैल में करें इन 3 सब्जियों की खेती, 60 दिन में हो सकती है अच्छी खासी कमाई !

खाली खेतों को ऐसे न छोड़ें- अप्रैल में करें इन 3 सब्जियों की खेती, 60 दिन में हो सकती है अच्छी खासी कमाई !
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Kisaan Helpline

Crops Apr 11, 2025

मध्य प्रदेश समेत पूरे भारत में रबी की फसल की कटाई लगभग पूरी होने को है। गेहूं, चना, मटर जैसी फसलों की कटाई के बाद अब ज्यादातर खेत खाली पड़े हैं। लेकिन किसान चाहें तो खरीफ की फसलों की बुवाई से पहले इन खाली खेतों का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अप्रैल और मई के महीने में कम समय और कम लागत में सब्जियों की खेती करके अच्छी कमाई की जा सकती है।

 

कौन सी सब्जियां लगाएं?

 

विशेषज्ञों का कहना है कि किसान भिंडी, लौकी और लौकी की खेती कर सकते हैं। इन सब्जियों की फसल 45 से 60 दिन में तैयार हो जाती है और बाजार में इनकी मांग भी बनी रहती है। खास बात यह है कि इनकी खेती में ज्यादा लागत भी नहीं आती है और समय पर सिंचाई और देखभाल से अच्छा उत्पादन भी मिलता है।

 

इन उन्नत किस्मों से करें खेती

 

कम समय में ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्मों का चुनाव करना बहुत जरूरी है। कुछ प्रमुख किस्में नीचे दी गई हैं:

 

·         लौकी: पूसा समर प्रोलिफिक लॉन्ग, अर्का हरित, पूसा समर अर्का बहार

·         गिलकी: पूसा चिकनी, एफ1 हरिता हाईब्रिड, पूसा नसदार, पंजाब सदाबहार

·         भिंडी: अर्का अभय, पल्लवी

 

खेती की सही विधि

 

·         बुवाई का समय: अप्रैल के पहले या दूसरे सप्ताह तक बीज बो दें।

·         खेत की तैयारी: खेत की अच्छी तरह जुताई करके उसे समतल कर दें।

 

बीज बोने की विधि:

 

·         लौकी और तुरई: बीज को 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर बोएं

·         भिंडी: पंक्तियों के बीच 30 सेमी और पौधों के बीच 15 सेमी की दूरी रखें

खाद और उर्वरक: प्रति एकड़ 8-10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की संतुलित मात्रा का उपयोग करें

सिंचाई: हर 5 से 7 दिन में एक बार सिंचाई करें, गर्मी के हिसाब से अंतराल कम या ज्यादा हो सकता है। ड्रिप सिंचाई से बेहतर परिणाम मिलते हैं। रोग और कीट नियंत्रण: नीम आधारित जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें।

 

कितना मिलेगा मुनाफा?

यदि खेती वैज्ञानिक विधि से की जाए तो:

·         लौकी और गिलकी: एक एकड़ से 80-120 क्विंटल तक उत्पादन

·         भिंडी: 40-60 क्विंटल तक उत्पादन

बाजार मूल्य के अनुसार एक एकड़ से 40,000 से 80,000 तक की आमदनी संभव है।

 

यह फसल जून के अंत तक कट जाएगी, जिससे सोयाबीन या कपास जैसी खरीफ फसलों की बुवाई भी समय पर आसानी से की जा सकेगी।

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