सोयाबीन की नई किस्म JS 2172: कम पानी, विपरीत मौसम में भी ज्यादा पैदावार, किसानों के लिए वरदान

सोयाबीन की नई किस्म JS 2172: कम पानी, विपरीत मौसम में भी ज्यादा पैदावार, किसानों के लिए वरदान
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Kisaan Helpline

Crops May 14, 2025

सोयाबीन की खेती का मौसम शुरू हो चुका है और देश के लाखों किसान अब उन्नत बीजों की तलाश में हैं जो उन्हें अधिक उत्पादन और मुनाफा दिला सकें। इस समय सोयाबीन की जिस किस्म की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, वह है JS 2172। यह किस्म न सिर्फ वैज्ञानिकों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण भी साबित हो रही है।

 

जेएस 2172: जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की सौगात

JS 2172 वैरायटी को जबलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने विशेष शोध के बाद विकसित किया है। इसे विकसित करते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया कि यह बीज बदलते मौसम, पानी की कमी और बढ़ते तापमान जैसी चुनौतियों का सामना कर सके। वैज्ञानिकों ने किसानों की ज़रूरतों और ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए इस किस्म को तैयार किया है।


किन राज्यों के लिए है उपयुक्त?

यह किस्म विशेष रूप से मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए अनुशंसित की गई है। इन इलाकों में मध्यम से भारी वर्षा और भारी मिट्टी पाई जाती है, जहां JS 2172 बेहतरीन प्रदर्शन करती है।

 

उत्पादन क्षमता और अवधि

JS 2172 एक मध्यम अवधि की किस्म है, जो करीब 94 से 95 दिनों में फसल तैयार कर देती है। सामान्य परिस्थितियों में इसका औसत उत्पादन 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है, जबकि अनुकूल जलवायु और मिट्टी मिलने पर यह 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन दे सकती है।

 

क्या बनाता है JS 2172 को खास?

JS 2172 को सोयाबीन की उन्नत किस्मों JS 9305 और JS 2069 के बाद एडवांस जनरेशन की वैरायटी के रूप में विकसित किया गया है। वैज्ञानिकों ने इसे 33 ट्रायल्स के बाद तैयार किया है, जिसमें इसका जल-सहनशीलता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, और बेहतर अंकुरण को ध्यान में रखकर चयन किया गया।

·         कम पानी में भी अच्छा प्रदर्शन: यह किस्म सूखे या पानी की कमी वाले क्षेत्रों में भी बेहतर परिणाम देती है।

·         मजबूत तना और फैलाव: पौधा टेढ़ा नहीं होता, जिससे कटाई के समय फलियों के नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाती है।

·         दाना सुंदर और चमकदार: इसके बीज का आकार और चमक बाजार में अच्छी कीमत दिलाने में मदद करता है।

·         बेहतर अंकुरण क्षमता: बुआई के बाद बीजों का अंकुरण तेज और मजबूत होता है।

·         रोग प्रतिरोधक क्षमता: JS 2172 में येलो मोजेक वायरस, चारकोल रॉट, फली झुलसा और एरियल ब्लाइट जैसे रोगों से लड़ने की शानदार क्षमता होती है।

·         फली चटकने की समस्या नहीं: इस किस्म में फसल पकने के बाद फली चटकने की समस्या नहीं होती, जिससे उत्पादन का नुकसान नहीं होता।

 

रोगों से बचाव में सक्षम

JS 2172 की सबसे बड़ी ताकत इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है। यह किस्म चारकोल रॉट, फली झुलसा, येलो मोजेक वायरस, राइजेक्टोनिया एरियल ब्लाइट और बैक्टीरियल स्पॉट जैसे कई खतरनाक रोगों से लड़ने में सक्षम पाई गई है। इससे फसल की सुरक्षा और किसान की आमदनी दोनों सुरक्षित होती हैं।

 

किसानों के लिए एक फायदे का सौदा

वर्तमान जलवायु परिवर्तन और कृषि में बढ़ती चुनौतियों के बीच JS 2172 एक भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरी है। जो किसान बार-बार फसल खराब होने की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह किस्म एक वरदान साबित हो सकती है।

 

यदि आप इस सीजन में सोयाबीन की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो JS 2172 पर भरोसा किया जा सकता है। यह किस्म उत्पादन, गुणवत्ता और लाभ तीनों दृष्टिकोण से किसानों के हित में है।

 

नोट: किसी भी किस्म की खेती से पहले अपने स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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