सोयाबीन फसल पर पीला मोजक रोग के प्रकोप से बचाव हेतु यह उपाय अपनायें

सोयाबीन फसल पर पीला मोजक रोग के प्रकोप से बचाव हेतु यह उपाय अपनायें
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Kisaan Helpline

Soil Jun 18, 2016

100 एम.एम. बारिश होने के पश्चात ही बोनी की जाये

विगत खरीफ वर्ष 2015 के दौरान सोयाबीन (soybean) फसल पर पीला मोजक रोग के प्रकोप को देखते हुये आगामी खरीफ मौसम 2016 रोग के नियंत्रण के लिये कृषकों को उपाय अपनाने की सलाह उपसंचालक कृषि बी.एल.कुरील ने दी है।

उन्होंने किसान भाईयों से कहा है सुरक्षात्मक तरीके के रूप से बोनी के समय सोयाबीन के बीज को अनुसंशित फफूंद नाशक थायरम एवं कार्बनडायजिम 2:1 अनुपात में 3 ग्राम प्रतिकिलो बीज या ट्राइकोडर्मा विरीडी 8 से 10 ग्राम प्रतिकिलो ग्राम बीज या इमीडाक्लोरोपिड 48 एफएस 1.25 एमएल प्रति किलो ग्राम बीज से उपचारित करें। बीज उपचार के बाद अच्छी गुणवत्ता वाले जीवाणु कल्चर राइजोबियम 5 ग्राम प्रतिकिलो ग्राम बीज एवं पी.एस.बी. कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज से बीज को उपचारित कर बोनी करायें।
उन्होंने किसान भाईयों से कहा है सोयाबीन की फसल में पीले मोजक से ग्रसित पौधों की पहचान कर उन्हें बीमारी की प्रारंभिक अवस्था में उखाड़ कर नष्ट करें। मानसून के आगमन पश्चात 100 एम.एम. बारिश होने के पश्चात ही बोनी करें। प्रतिरोधक सहनशील किस्में जैसे जे.एस. 20-29, जे.एस. 97-52, पी.एस. 1042, पी.एस.1347, आर.के.एस. 24 का उपयोग करें। सोयाबीन के खेत में जल भरा होने की स्थिति में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें।

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