Kisaan Helpline
इंदौर. शासन सांवेर को स्वीट कॉर्न क्लस्टर बनाने की तैयारी कर रहा है। यहां पैदा होने वाला भुट्टा (अमेरिकन) प्रदेश के साथ देशभर में पहचान बनाएगा। इसके लिए किसान कल्याण विभाग किसानों को विशेष तरीके बता रहा है, ताकि मक्के की फसल पैदावार बढ़ने के साथ फायदे की खेती बन सके।
2600 रुपए किलो वाला बीज किसानों को दो हजार रुपए प्रति किलाे में दिलवाया जा रहा है। हर किसान को एक किलो बीज बेचा जा रहा है। इसके अलावा विभाग सोयाबीन की फसल के साथ दालों की फसल उगाने पर ज्यादा जोर दे रहा है। इसका उद्देश्य दालों की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाना है।
दाल के बीजों के सैंपल फ्री में
इसके लिए किसानों की काउंसलिंग की जा रही है और उन्हें खेतों में सोयाबीन के साथ दलहन फसलें लगाने की सलाह दी जा रही है। किसानों को दाल के बीजों के सैंपल फ्री में दिए जा रहे हैं। साथ ही बीज खरीदने पर 75 फीसदी तक सब्सिडी भी दी जा रही है। किसान कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक आलोक मीणा के मुताबिक दालों का रकबा अब तक जिले में सौ से दो सौ हेक्टेयर के आसपास ही रहा है। किसान अपने उपयोग के लिए ही दाल खेतों में लगाते थे। इस बारिश में दाल की उपज एक हजार हेक्टेयर से ज्यादा में लगवाने की तैयारी की है। किसानों को बीज, योजनाएं बताई जा रही हैं।
शासन फसल बिकवाने की दे रहा गारंटी
शासन किसानों को दाल की फसल लगाने के सुझाव के साथ उसे बिकवाने की भी गारंटी दे रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि किसान इस बात से डरने लगे हैं कि किसी उपज की ज्यादा पैदावार होने पर उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाते हैं। इससे उन्हें नुकसान होता है। जैसे इस साल प्याज की ज्यादा पैदावार को लेकर हुआ।
दालों का बीज फ्री में मिलेगा
मीणा के मुताबिक इस बारिश में सोयाबीन के साथ खेत के एक हिस्से में अरहर, मूंग,उड़द की दालों को ज्यादा से ज्यादा लगवाने के लिए किसानों को कह रहे हैं। अकेले इंदौर जिले की बात करें तो किसानों को 78 हजार किलो दालों के छोटे पैकेट फ्री में बांटे जाएंगे। इसके बाद बीज खरीदते हैं तो 75 फीसदी तक अनुदान दिलवाया जाएगा। इस साल दाल के परिणाम अच्छे आए तो अगले साल रकबा और बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline