रसचूसक कीटो का सोयाबीन और कपास फसल पर आक्रमण

रसचूसक कीटो का सोयाबीन और कपास फसल पर आक्रमण
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Kisaan Helpline

Soil Jul 27, 2015

मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलो में पिछले   कुछ दिनो से भरी बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश से सोयाबीन और कपास फसल में विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीटों जैसे चूरड़ा, चूसक कीटों, चेंपा सफेद मक्खी आक्रमण कर सकते है। इसलिये इन कीटो के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। रसचूसक कीट पौधो का रस चूसते हैं और शहद जैसा चिपचिपा पदार्थ भी छोड़ते हैं। जिससे फफूंदी उत्पन्न होकर पत्ते का रंग काला, पिला कर देती है।

ऐसे मे निम्न उपाय अपनाने चाहिये

चूसक कीटों माहू/ चेंपा की रोकथाम के लिये 8gm थाओमेथाक्जम 25WG (अरेवा, मेक्सिमा)/15 ली पानी मे छिड़के।


सफ़ेद मक्खी की रोकथाम: 25gm डाइफेनथिउरोन50WP(पेगासस)/ 15ली पानी मे 10 दिन के अंतर से दो बार छिड़के।


फफूंदीय रोग से बचाव हेतू: 350gm कार्बेण्डाजिम12% + मेंकोजेब63%(साफ या सिक्सर)/ एकड़/ 200 ली पानी मे साफ मौसम मे छिड़के।

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