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फैजाबाद। सोहावल तहसील क्षेत्र के राम नगर धैारहरा गाँव में अरहर उत्पादन की नई तकनीक अपना कर हरी प्रसाद सिंह 50 वर्ष ने अपनी आमदनी ही नहीं बढ़ाई बल्कि लोगो को नई तकनीक से रुबरु भी कराया हैं।
हरी प्रसाद बताते हैं, “पारस फाउन्डेशन नाम की संस्था की पहल की मदद से हमने अपने आधा एकड़ खेत मे 250 ग्राम बीज लाइन विधि में बोया था, जिसमें प्रति पौधा 900 ग्राम से एक किग्रा तक अरहर प्राप्त हो रही है।”
पारस फाउन्डेशन द्वारा संचालित शुजलाम-सुफलाम परियोजना का लाभ उठाकर हरी प्रसाद जैसे कई किसान क्षेत्र में अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस परियोजना का लाभ उठाकर हरी प्रसाद ने अपने आधे एकड़ खेत से अरहर की आठ कुन्तल उपज पाई है।
हरी प्रसाद की तरह ही गुलालपुर गाँव के धनीराम वर्मा 47 वर्ष ने भी इस विधी को अपनाकर अरहर की अच्छी पैदावार पाई है। धनीराम बताते हैं,“ हम लाइन विधि से अरहर की खेती कर रहे हैं,जिसमे लाइन से लाइन दो मीटर और पौधे से पौधे की दूरी एक मीटर रखी जाती है।इसमें बुवाई के 30 से 35 दिन पर अरहर की निपिंग की जाती है और पौधे पर मिटटी चढ़ा दी जाती है।”
किसानों को दी जा रही इस खास सुविधा के बारे में पारस फाउन्डेशन की सचिव एकता सिंह बताती हैं,“ क्षेत्र में ऐसे लगभग दो दर्जन किसानों ने इसी तरह खेती की है। पारस फाउन्डेशन ने गत वर्ष शुजलाम-सुफलाम व फसल परियोजना का सफल संचालन किया था, जिसके अन्तर्गत राम नगर धौरहरा,महोली सैदपुर, गुलालपुर गाँवों के सैकड़ों किसानों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।”
रिपोर्टर - रबीश कुमार वर्मा
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