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एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर के बाद फलोरिकल्चर में जिले के किसानों का रुझान बढ़ा है। जिले में 250 हेक्टेयर में किसानों ने फूलों की खेती की है। गेंदा, गुलाब, गुलदावदी प्रमुख हैं। रविवार को किसान कल्याण बोर्ड अध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, कलेक्टर स्वतंत्रकुमार सिंह एवं उपसंचालक उद्यान केएस सोलंकी ने फूलों की खेती करने वाले किसानों के खेतों का अवलोकन किया और खेती से जुड़ी विभिन्न जानकारियां दी।
बोर्ड अध्यक्ष गुर्जर ने कहा जिले में किसानों का रुझान फ्लोरीकल्चर की ओर बढ़ रहा है। फूलों की खेती का रकबा बढ़ना इसका उदाहरण है। यहां के किसानों को शासन पूरी सुविधा देता है तो यह रकबा बढ़ने की पूरी संभावना है। कलेक्टर सिंह ने कहा विकास के लिए बहुत अच्छी बात है किसान परंपरागत फसलों से दूर होकर नई तकनीक अपना रहे हैं। किसानों ने खुद समृद्धि के रास्ते अपना लिए है। उपसंचालक उद्यान सोलंकी ने कहा किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी देने के लिए विभाग शिविर लगाएगा। राज्य के बाहर भ्रमण कराया जाएगा। किसानों को पॉली हाउस, भोडनेट हाउस, मलचिंग व ड्रिप इरीगेशन पर अनुदान दिया जाएगा। फूलों की खेती से जुड़ी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
इन किसानों ने अपनाई फूलों की खेती
मंदसौर ब्लॉक के बोलखेड़ा, रूपावली, साबाखेड़ा, जग्गाखेड़ी में किसानों ने फूलों की खेती को अपनाया है। किसान लक्ष्मीनारायण माली ने 25 बीघा में गुलाब, गेंदा, गुलदावदी की खेती की वे जयपुर, आगरा, मथुरा, अजमेर, दिल्ली की मंडियों तक फूलों की सप्लाई कर रहे हैं। राधेश्याम सूर्यवंशी, मोहनलाल, शांतिलाल, श्यामलाल गुर्जर, चंपालाल गुर्जर ने बड़े पैमाने पर फूलों की खेती को अपनाया।
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