अंजार (गुजरात)। कच्छ की ‘सरहद डेयरी’ पशुपालकों के बच्चों को डेयरी उद्योग से जुड़ी शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक का कर्ज देगी। भविष्य में इन बच्चों की सभी प्रकार की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी भी डेयरी खुद उठाएगी, ताकि इस क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिले और वे हमसे जुड़ सकें। मंगलवार को यह घोषणा डेयरी के चेयरमैन वलमजी हुंबल ने की।
उन्होंने कहा, ‘कच्छ में दुग्ध उत्पादन से अधिक लागत परिवहन की है। बावजूद इसके डेयरी ने पिछले साल 23 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। इसमें पशुपालकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कच्छ में उद्योगों द्वारा किए गए भुगतान से अधिक भुगतान सरहद डेयरी के पशुपालकों ने किया है। हर पशुपालक डेयरी का मालिक ही है। हमारी नजर दुबई-शारजाह के बाजार पर है। आगामी समय में इन प्रमुख बाजारों में दूध का निर्यात किया जाएगा। हुंबल ने कहा कि कच्छ के दूध में उत्तर गुजरात के मुकाबले फैट अधिक है। सरहद डेरी रोजाना 3.50 लाख लीटर दूध एकत्रित करती है। 625 संकलन समिति इससे जुड़ी हुई हैं। 50 हजार परिवारों का गुजारा दुग्ध मंडली के माध्यम से चलता है।