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क्षेत्र का विदिशा-सांची मार्ग धान के बेल्ट के रूप में उभर रहा है। यहां हाईवे के दोनों तरफ सिर्फ धान ही धान लहलहाती दिखाई दे रही है।
धान रोपने वाले किसानों को जोरदार उत्पादन की उम्मीद है। इनमें से कई किसानों ने धान के साथ सोयाबीन की बोवनी भी की थी। सोयाबीन की फसल कम बारिश, संक्रमण व रोगों की वजह से बर्बाद हो गई है। इन किसानों की अब धान में बेहतर उत्पादन और दाम मिलने की आस लगी हुई है। जिले में इस बार करीब 17 हजार हेक्टेयर में धान की फसल किसानों ने ली है। पिछले साल की तुलना में यह रकबा कहीं अधिक है। कई किसानों ने धान की बासमती किस्म रोपी है। फसल में बालें पूरी तरह भर चुकी हैं। 20 दिन में धान की कटाई शुरू हो जाएगी। किसान इसकी तैयारी में जुट गए हैं।
लागत अधिक आने से किसान शासन से धान का समर्थन मूल्य उचित रखने की उम्मीद लगाए हुए हैं। रंगई गांव के किसान जीतू वर्मा ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में धान लगाई है। अभी तक फसल अच्छी स्थिति में है।
रंगई में धान की फसल लहलहाई
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