चने पर इल्ली के नियंत्रण की किसानों को सलाह

चने पर इल्ली के नियंत्रण की किसानों को सलाह
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Kisaan Helpline

Soil Jan 15, 2016

उप संचालक कृषि खरगोन ने बताया कि वर्तमान में देर से बोई गई गेहूं फसल में सिंचाई के साथ यूरिया की टॉप ड्रेसिंग कृषकों द्वारा की जा रही है। चना एवं सरसों की फसलें फूल एवं फली अवस्था में हैं एवं मक्का फसल फूल एवं दाने भराव की अवस्था में हैं। वर्तमान में तापमान अधिक होने से गेहूं फसल में फोर्स मेच्यूरिटी होने से फसल जल्दी पकती है। अतः किसान गेहूं फसल में 100 लीटर पानी में 3 किग्रा यूरिया का घोल बनाकर छिड़काव अवश्य करें।
उप संचालक कृषि के मुताबिक क्षेत्र में कहीं-कहीं पर चना फसल में इल्ली का प्रकोप देखा गया है, जो कि आर्थिक क्षति के मानक स्तर से कम है। उन्होंने रासायनिक कीट नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफॉस 50 ईसी 600 मिली या इंडोक्साकार्ब 14.5 प्रतिशत ईसी 200 मिली या प्रोफेनाफॉस़सायपरमेथ्रिन 500 मिली दवा 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने की किसानों को सलाह दी है। साथ ही खेत में प्रति एकड़ 15-20 टी आकार की खूटियां एवं लाईट ट्रेप लगाने का भी परामर्श दिया है। गेहूं फसल में कंडुआ रोग से प्रभावित बालियों को खेत से निकालकर नष्ट करने की सलाह दी गई है। सरसों फसल में माहो (एफिड) का प्रकोप दिखाई देने पर सरसों की प्रभावित शाखा को तोड़कर नष्ट करने एवं डायमिथोएट 30 ईसी 30 मिली प्रति पंप की दर से छिड़काव करने को किसानों से कहा गया है।
किसानों को सलाह दी गई कि सिंचाई जल की बचत के लिए किसान पानी की उपलब्धता अनुसार रबी फसलों में स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई करें। जिले में अभी तक रबी मे. यूरिया 67500 में टन के विरूद्ध 31935 मे. टन यूरिया उपलब्ध हुआ है, जिसे कृषकों को वितरण किया जा रहा है। अऋणी कृषक भी अपनी नजदीकी सहकारी समिति से नगद में उवर्रक क्रय कर सकते हैं। वर्तमान में सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में उवर्रकों का भंडारण हैं।

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