1. यह पेड़ - पौधों , फलदार वृक्षों , सब्जियों एवं सभी प्रकार की फसलों के लिये एक सम्पूर्ण एवं संतुलित आहार है।
2. वर्मीकम्पोस्ट पेड़ - पौधों की सेहत एवं उनकी वृद्धि में सहायक है , जिससे अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। यह खरपतवारों , कीटों एवं रोगों पर होने वाले खर्च में भी कमी लाता है।
3. इसके प्रयोग से भूमि की जलशोषण तथा जलधारण क्षमता बढ़ती है । भूमि की भौतिक दशा में सुधार आने से उसमें रासायनिक एवं जैविक प्रक्रियायें तेजी से होने लगती हैं।
4. वर्मीकम्पोस्ट के प्रयोग से बहुत सारे कार्बनिक कचरे से मुक्ति मिल सकती है , जो वर्तमान में पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। इससे मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचाव के साथ - साथ आर्थिक बचत भी होगी। पॉलीथीन बैग , लोहा व कांच को छोड़कर केंचुए समस्त कार्बनिक कचरे को खाद बना देते हैं।
5. ये मृदा सूक्ष्मजीवों तथा पर्यावरण को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचाते हैं , बल्कि केंचुओं से मृदा सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ने के साथ - साथ उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है और पर्यावरण सुरक्षित होता है।
6. शहर के आसपास रहने वाले ग्रामीण युवाओं तथा महिलाओं के लिये यह आय का स्रोत बन सकता है। वर्मीकम्पोस्ट के साथ जैव - उर्वरकों एवं जैव - फफूंद का खेतों में प्रयोग भी बहुत आसान होता है।