कृषि की लागत घटाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से सरकार ने इस बार खाद को लेकर अपने कदम आगे किये है, 2022 तक किसानो की आमदनी को बढ़ाने का लक्ष्य साधते हुए, गैर-यूरिया खादों की कीमतों में स्थिरता के लिए सरकार ने सब्सिडी बढ़ा दी है। इसका असर ये होगा की सरकारी खजाने पर लगभग 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भार पड़ेगा।
बुधवार के दिन आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस पर चर्चा की गई और फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बताया कि बैठक में चालू वित्त वर्ष में फॉस्फेट और पोटाश वाली खादों के मूल्य तय किए गए।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि किस प्रकार खाद की सब्सिडी पर लिस्ट बनाई गई है।
1. नाइट्रोजन वाली खाद में दी गई सब्सिडी 18.90 रुपये प्रति किलो।
2. फॉस्फोरस वाली खाद पर 15.11 रुपये प्रति किलो होगी।
3. पोटाश पर 11.12 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी गई है।
4. सल्फर खाद पर 3.56 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी निर्धारित की गई है।
सरकार के इस फ़ैसले से किसानों को संतुलित खाद का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
गैर यूरिया खाद में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) और नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटाश (एनपीके) मूल्य नियंत्रण से बाहर हैं।