आम भाषा में कहे तो फड़का को कई किसान भाई राम जी का घोडा भी कहते है।
फड़का इतना प्रभावशाली होता है की पहले भी कई बार फसलों में तबाही मचा चुका है। इसका प्रकोप अक्टूबर तक रहता है।
ऐसे करें फड़के से बचाव:-
इस कीट से बचाव के लिए खेतों की जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से की जाए तो अंड पिंड बाहर आकर तेज धूप लगने के कारण नष्ट हो सकते हैं। खेतों की पालिया यानि की मेड़ छोटी रखने, पालियों की 15 सेंटीमीटर तक खुदाई कर पुनः निर्माण करने, मिथाइल पैराथियान 2 % चूर्ण या मेलाथियान 5 % चूर्ण या क्यूनालफास 1 . 5 % चूर्ण या इंडोसल्फान 4 % चूर्ण का छिड़काव करने से भी काफी प्रभाव पड़ता है।
सुबह या शाम के समय इस पाउडर से भूमि उपचार करने के बाद इस खड़ी फसल में पाउडर का भूरकाव या दवाई का स्प्रे कर नियंत्रण करे।
मक्का के खेत के चारों तरफ दो, तीन, उमरे ज्वार के निकालने, खेतों के किनारे अलाव या पुराने टायर जलाकर फड़के से निजात पाई जा सकती हैं।
दी गई जानकारी के द्वारा फड़के के नियंत्रण पर काफी प्रभाव डालते है।