Wheat New Variety : कम पानी में भी देगी बंपर पैदावार, जानें अधिक उपज देने वाली गेहूं की बेहतर किस्म के बारे में

Wheat New Variety : कम पानी में भी देगी बंपर पैदावार, जानें अधिक उपज देने वाली गेहूं की बेहतर किस्म के बारे में
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Kisaan Helpline

Crops Aug 10, 2023

Wheat variety DBW 296 : गेहूं के पौधे के विकास के किसी भी चरण में मिट्टी में नमी की कमी से अनाज की पैदावार कम हो जाती है। गेहूं के तने की गांठ अवस्था में पानी की कमी के कारण प्रति इकाई क्षेत्र में बालियों की संख्या कम हो जाती है और प्रति बाली में दाने कम हो जाते हैं। परिणामस्वरूप अनाज की उपज कम हो जाती है। जब बाली निकलने और दाना भरने के दौरान नमी की कमी होती है, तो बाली की उर्वरता कम होने और बीज का वजन कम होने के कारण अनाज की उपज कम हो सकती है। ऐसी स्थिति में पानी की कमी के कारण फसल जल्दी पकने लगती है। अतः इस क्षेत्र में सीमित सिंचाई परिस्थितियों के लिए उपयुक्त गेहूं की किस्मों की आवश्यकता है, जो नमी की कमी को बेहतर ढंग से सहन कर सकें। 

जानें गेहूं की किस्म DBW 296 के बारे में

गेहूं की ये नई किस्म देगी 1 हैक्टर में 83.3 क्विंटल उपज, होगी चार गुना ज्यादा कमाई, जानें इस किस्म के बारे में यदि आप अधिक उपज पाने के लिए गेहूं की अच्छी किस्म की तलाश में हैं तो गेहूं डीबीडब्ल्यू 296 (करण ऐश्वर्या) {Wheat variety DBW 296 (Karan Aishwarya)} आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। गेहूं की इस किस्म को वैज्ञानिकों ने तमाम तरह के परीक्षणों के बाद जारी किया है। मुख्यतः गेहूं की यह किस्म रोग प्रतिरोधी होती है।

आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल (हरियाणा) द्वारा गेहूं की एक नई उन्नत किस्म, डीबीडब्ल्यू 296 (करन ऐश्वर्या) {DBW 296 (Karan Aishwarya)} विकसित की गई है, जो क्षेत्र में समय पर बुआई और सीमित सिंचाई के लिए उपयुक्त और अनुशंसित है।

               गेहूं की डीबीडब्ल्यू-296 किस्म के दाने
      

गेहूं की डीबीडब्ल्यू-296 किस्म की खेती (Cultivation of wheat variety DBW-296)
  • किस्म की उपयुक्तता वाले क्षेत्र - भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (एनडब्ल्यूपीजैड), सीमित सिंचाई के तहत समय पर बुआई परिस्थिति ।
  • खेत का चयन/भूमि की तैयारी - समतल उपजाऊ मिट्टी खेत की इष्टतम स्थिति के लिए बुआई से पहले सिंचाई के बाद डिस्क हैरो, लेक्सर (सुहागा) और टिलर के साथ जुताई करें।
  • बीज उपचार - प्रणालीगत और संपर्क कवकनाशी (कार्बोक्सिन 37.5 प्रतिशत + थीरम 37.5 प्रतिशत) / 2-3 ग्राम /कि.ग्रा. बीज ।
  • बुआई का समय - 25 अक्टूबर से 5 नवंबर
  • बीज दर/बुआई विधि - 100 कि.ग्रा./हेक्टर पंक्तियों के बीच 20 सें.मी. की दूरी, बीज ड्रिल के साथ रबी में बुआई करें।
  • उर्वरक मात्रा - सीमित सिंचाई के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90 : 60 : 40 कि.ग्रा. एनपीके / हैक्टर प्रयोग द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। नाइट्रोजन की 1/2 मात्रा बिजाई के समय तथा शेष प्रथम नोड (45-50 दिन बाद) अवस्था पर देनी चाहिए।
  • खरपतवार नियंत्रण - चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 2,4-डी / 500 ग्राम हैक्टर या मेटसल्फ्यूरॉन 4 ग्राम / हैक्टर या कारफेंट्राजोन / 20 ग्राम/ हैक्टर लगभग 300 लीटर पानी / हैक्टर का उपयोग करके छिड़काव किया जा सकता है। संकरी पत्ती के घास के नियंत्रण के लिए आइसोप्रोट्यूरान/ 1000 ग्राम/ हैक्टर या क्लॉडिनाफॉप / 60 ग्राम/ हैक्टर, पिनेक्सोडेन 50 ग्राम / हैक्टर या फिनोक्साप्रोप / 100 ग्राम / हैक्टर सल्फोसल्फ्यूरॉन / 25 ग्राम/हेक्टर या पाइरोक्ससल्फोन / 127.5 ग्राम/हैक्टर का उपयोग किया जाना चाहिए। जटिल खरपतवारों के नियंत्रण के लिए 2,4-डी / मेटसल्फ्यूरॉन या सल्फोसल्फ्यूरॉन के साथ मेटसल्फ्यूरॉन शाकनाशी के साथ आइसोप्रदर्शन के संयोजन के बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के शाकनाशी को बुआई के 30-40 दिनों बाद पर्याप्त मृदा की नमी में प्रयोग करना चाहिए।
  • कीट और रोग नियंत्रण - यह किस्म पीला, भूरा तना और रतुआ तथा कई अन्य रोगों के लिए प्रतिरोधी है। यद्यपि फफूंदी रोग जैसे - करनाल बंट और पाउडरी मिल्ड्यू की प्रारंभिक अवस्था दिखने पर रोगों के नियंत्रण के लिए, प्रोपीकोनाजोल / ट्रायडेमेफोन/ टेबुकानाजोल 0.1 प्रतिशत ( मि.ली./लीटर) की दर से छिड़काव करें।
  • सिंचाई - दो सिंचाई एक बुआई से पहले और एक सिंचाई बुआई के 45-50 दिनों बाद करें।
  • कटाई - फसल पूरी तरह से पक जाने के बाद कटाई और थ्रेसिंग करें। भंडारण से पहले अनाज अच्छी तरह से सुखाया जाता है।
  • औसत उपज - 56.1 क्विंटल/हैक्टर सीमित सिंचाई के तहत समय पर बुआई स्थिति में।
  • उपज क्षमता - 83.3 क्विंटल / हैक्टर।
डीबीडब्ल्यू-296 किस्म की अच्छी गुणवत्ता
  • डीबीडब्ल्यू-296 उत्कृष्ट बिस्किट गुणवत्ता के लिए बहुत उपयुक्त किस्म है। इसमें अधिक बिस्किट स्प्रेड फैक्टर ( स्कोर 9.5/10) के साथ नरम दाने होते हैं। इसके अलावा यह नई किस्म उच्च ब्रेड गुणवत्ता ( स्कोर 8.2 ), चपाती-मेकिंग ( स्कोर 7.6), ब्रेड लोफ वॉल्यूम (615 मि.ली.) और हैक्टोलीटर वजन (78.6) के कारण कई अंतिम उपयोग गेहूं उत्पादों के लिए उपयुक्त है। 
  • किस्म डीबीडब्ल्यू - 296 में उच्च प्रोटीन मात्रा (11.5 प्रतिशत) के साथ-साथ 10/10 का एक संपूर्ण ग्लू-1 स्कोर है। इस किस्म में Glu-D1 सब-यूनिट 5+10 की उपस्थिति मजबूत ग्लूटेन का संकेत है और इसलिए बेहतर ब्रेड बनाने की गुणवत्ता है। 
  • इसके अलावा इसमें चेक किस्मों की तुलना में बेहतर ब्रेड लोफ वॉल्यूम, बेहतर ब्रेड गुणवत्ता. उच्च निष्कर्षण दर और ग्लूटेन इंडेक्स होता है। 
  • इस किस्म में उपलब्ध सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा भी चेक किस्मों के बराबर है। इन सभी गुणों के कारण औद्योगिक उपयोगों तथा उपभोक्ताओं के लिए इसकी अधिक उपयुक्त और पोषण गुणवत्ता है।

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