फरवरी में पड़ रही गर्मी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम के इस बदलाव का असर गेहूं की फसल पर पड़ने वाला है। उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है और गेहूं का आकार भी पतला हो जाएगा। रबी फसलों में गेहूं की फसल सबसे अधिक प्रभावित होने वाली है, इसके बाद चने की फसल है। होली के 15 दिन पहले ही मौसम गर्म हो गया है। तापमान सामान्य से काफी ऊपर पहुंच गया है, जिसे रबी की फसल बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। गर्मी के कारण फसल में पकने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
बताया गया कि तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल भी मुरझा सकती है। ऐसे मौसम को देखकर किसान और वैज्ञानिक चिंतित हैं। ऐसे में अगर भविष्य में भी मौसम ऐसा ही बना रहा तो स्थिति और खराब होगी। किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खराब हो जाएगी।
गर्मी के कारण यह नुकसान हो जाएगा
- गेहूं की फसल इस समय फूल और दाना बनने की अवस्था में है।
- ज्यादा गर्मी पड़ी तो फसल मुरझा जाएगी।
- तापमान में तेजी से वृद्धि के कारण दाना कमजोर पड़ जाता है।
- तापमान बढ़ने से गेहूं की बढ़वार रूक जाती है।
- फसल की लंबाई कम होती है और यह जल्दी पक जाती है।
- गर्मी में गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन पर भी असर पड़ता है।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है। यह कदम राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएफसी) के पूर्वानुमान के बीच आया है कि फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान मध्य प्रदेश को छोड़कर प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान पिछले सात वर्षों के औसत से अधिक था। यहां तक कि मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों में गुजरात, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सामान्य तापमान से ऊपर रहने का अनुमान जताया है।
कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा, 'गेहूं की फसल पर तापमान बढ़ने से पैदा होने वाली स्थितियों पर नजर रखने के लिए हमने एक समिति का गठन किया है.' उन्होंने कहा कि समिति किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए सलाह जारी करेगी। . उन्होंने कहा कि कृषि आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के सदस्य और प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि भी होंगे।
हालांकि, सचिव ने कहा कि जल्दी बुवाई वाली किस्में तापमान में वृद्धि से प्रभावित नहीं होंगी और यहां तक कि गर्मी प्रतिरोधी किस्मों को भी इस बार बड़े क्षेत्रों में बोया गया है. फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन रहने का अनुमान है। कुछ राज्यों में लू की स्थिति के कारण पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन मामूली घटकर 107.74 मिलियन टन रह गया था। गेहूं एक प्रमुख रबी फसल है, जिसकी कटाई कुछ राज्यों में शुरू हो गई है।