आज हम बात करेंगे टमाटर की खेती की, अगर इसकी जलवायु आधारित खेती की बात की जाये तो टमाटर की खेती आमतौर पर ग्रीष्म ऋतु यानि की गर्मी के मौसम में की जाती है। मौसम के आधार पर इसके लिए गर्म और नर्म मौसम की जरूरत है। टमाटर का पौधा इतना नाजुक होता है की वह ज्यादा ठंड और उच्च नमी को सहन नहीं कर पाता है। ज्यादा रोशनी टमाटर की फसल के रंग और उत्पादकता दोनों को प्रभावित करते है। अगर अनुकूल मौसम की बजाय मौसम विपरीत होने की वजह से इसकी खेती बुरी तरह प्रभावित होती है। टमाटर की खेती में बीज के विकास, अंकुरण की प्रक्रिया, फूल आना और फल होने के लिए अलग-अलग मौसम की व्यापक विविधता चाहिए। इसकी फसल पर मौसम की इतना प्रभाव रहता है की इसकी गति को 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान और 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पौधे के विकास की गति को धीमा कर देती हैं।
टमाटर के पौधे की बात की जाये तो 10 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होता है लेकिन टमाटर की सबसे अच्छी वृद्धि 21 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में होती है। अगर वातावरण में तापमान 16 डिग्री से नीचे और 27 डिग्री से ऊपर होता है तो ये आकड़ा उपयुक्त नहीं माना जाता है। इसका पौधा पाला को बर्दाश्त नहीं कर पाता है और इस फसल को कम से मध्यम स्तर की बारिश की जरूरत होती है। अच्छे परिणाम के आधार पर इसका औसत तापमान 21 से 23 डिग्री श्रेष्ठ माना गया है। फसल के लिए ज्यादा पानी का दबाव और लंबे वक्त तक सूखापन टमाटर के फल में दरार पैदा कर देता है, और इसकी फसल को ज्यादा प्रभावित करता है। अगर फल निकलने के दौरान पौधे पर अच्छी रोशनी पड़ती है तो टमाटर गहरा लाल रंग का हो जाता है।
टमाटर की उन्नत किस्मे :
अरका सौरभ, अरका विकास, अरका आहूति, अरका आशीष, अरका आभा, अरका आलोक, एच एस 101, एच एस 102, एच एस 110, हिसार अरुण, हिसार लालिमा, हिसार ललित, हिसार अनमोल, के एस. 2, नरेन्द्र टोमैटो 1, नरेन्द्र टोमैटो 2, पुसा रेड प्लम, पुसा अर्ली ड्वार्फ, पुसा रुबी, को-1, को 2, को 3, एस- 12, पंजाब छुहारा, पी के एम 1, पुसा रुबी, पैयूर-1, शक्ति, एस एल 120, पुसा गौरव, एस 12, पंत बहार, पंत टी 3, सोलन गोला और अरका मेघाली।
एफ 1हाइब्रिड –
अरका अभिजीत, अरका श्रेष्ठ, अरका विशाल, अरका वरदान, पुसा हाइब्रिड 1, पुसा हाइब्रिड 2, कोथ 1 हाइब्रिड टोमैटो, रश्मि, वैशाली, रुपाली, नवीन, अविनाश 2, एमटीएच 4, सदाबहार, गुलमोहर और सोनाली।