टमाटर की अनोखी किस्म जिससे मिलेगा अच्छा उत्पादन और रोग और कीटों से भी छुटकारा, जानिए इस किस्म के बारे में

टमाटर की अनोखी किस्म जिससे मिलेगा अच्छा उत्पादन और रोग और कीटों से भी छुटकारा, जानिए इस किस्म के बारे में
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Kisaan Helpline

Crops Sep 06, 2021

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (Indian Horticultural Research Institute) ने टमाटर की एक ऐसी अनोखी किस्म तैयार कर रखी है, जिसके एक पौधे से 18 किलो टमाटर का उत्पादन हो सकता है। इस नई उन्नतशील किस्म का नाम अर्का रक्षक (एफ) है।

अर्का रक्षक किस्म की विशेषता
उपज-क्षमता 18 कि.ग्रा. प्रति पौधा। टमाटर की इस किस्म के फल 75 से 80 ग्राम के होते हैं। इसकी खेती खरीफ और रबी, दोनों मौसम में की जा सकती है। यह किस्म फसल को 140 से 150 दिनों में तैयार कर देती है। इससे प्रति एकड़ 40 से 50 टन पैदावार प्राप्त होती है।

रोग प्रतिरोगी किस्म
किसानों के खेतों में टमाटर के पत्ती मोड़क विषाणु, जीवाणुविक झुलसा एवं अगेती अंगमारी के प्रभाव को झेलने में सफल।

प्रति एकड़ कमाई
मौसम के आधार पर रू. 4-5 लाख प्रति एकड़ के दायरे में औसत शुद्ध आय प्राप्‍त की गई।

इस किस्म की खेती करने वाले राज्य
टमाटर भारत में उगाई जाने वाली महत्‍वपूर्ण सब्‍जी फसलों में एक है। टमाटर की खेती करने वाले प्रमुख राज्‍यों में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, और महाराष्‍ट्र हैं। अनुकूल पर्यावरणीय स्थितियों तथा उच्‍च उपज वाले संकरों का अंगीकरण किए जाने के कारण कर्नाटक में टमाटर की औसत उत्‍पादकता (35 टन प्रति हैक्‍टे.) सबसे अधिक है। फिर भी, संकर किस्मों का कम अंगीकरण किए जाने तथा नाशीकीटों, रोगों और अन्‍य जैविक कारकों के कारण भारत ने अभी भी टमाटर उपज की पूर्ण क्षमता (60-80 टन प्रति हैक्‍टे.) का दोहन नहीं किया है। जैविक कारकों में, टमाटर पत्ती मोड़क विषाणु (ToLCV), जीवाणुविक झुलसा (BW) और अगेती अंगमारी रोग (EB) शामिल हैं, अगर इन कारकों को नियंत्रित नहीं किया जाता तो टमाटर की फसल को 70-100 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचाते हैं।

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