किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग उपसंचालक श्री एम. एस. देवके ने जानकारी देते हुए बताया है की देरी से पकने वाली सोयाबीन की कुछ किस्मो में एवं वर्तमान में फूल आने वाली फसल में इल्लियों द्वारा फूलों को खाने से सोयाबीन फसल में फली कम लगने की स्थिति बनती है। इल्ली से बचाव हेतु Lambda Cyhalothrin 4.9% CS (लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.9% सीएस) (300 मि.ली. / हेक्टेयर ) या Indoxacarb (इंडोक्साकार्ब 15.8 ई.सी.) (333 मि.ली. / हेक्टेयर) या Flubendiamide 39.35% SC (फ्लुबेंडियामाइड 39.35% SC) (150 मि.ली. / हेक्टेयर) की दर से किसी एक कीटनाशक दवा का प्रयोग 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करे।
साथ ही सोयाबीन की फसल में सफ़ेद मच्छर के प्रकोप को नियंत्रण करने के लिए Thiamethoxam 25% WG (40-80 gm/acre & 8-10 gm/pump) या Imidacloprid 200 SL (17.8 % w/w) 70-100 ml/acre & 10-12 ml/pump का छिड़काव करे।
ध्यान रहे रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से पूर्व कृषि विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लेवें।