वर्तमान परिस्थिति में वर्षा का न होना या अल्प वर्षा का होना नए अंकुरण में आई खरीफ फसले जैसे सोयबीन, मक्का आदि के लिए बहुत सारी समस्या पैदा कर रहा हैं। मौसम अनुकूल न होने पर काफी हद तक किसानो को अपनी फसल की हानि को झेलना पड़ता है। और कई बार इस वजह से उत्पादन काफी कम होता है। जिसकी वजह से फसल की बढ़वार रुक जाती है जो की आगे चल कर फसल उपज को प्रभावित करता है या उसे नुकसान पहुंचाता है।
लक्षण
आपने कई बार देखा होगा की जब आप दोपहर के समय में फसल का निरिक्षण करते है तो कई बार आपको फसल के लक्षण अलग ही दिखाई पड़ते है जैसे की फसल का लटक जाना पत्तियों का मुड़ जाना ये पानी की कमी की तरफ इशारा करता हैं। लेकिन इसके बिलकुल विपरीत सुबह और शाम पौधा स्वस्थ दिखाई देता हैं।
बचाव:-
इसके लिए उपाय ये है की अगर आपको संभव लगे तो एक हल्की सिंचाई कर दे।
होशी नामक उत्पाद का 250 मिली/एकड़ का छिड़काव करे या रूटस 98 @ 100 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करे।
आवश्यकता पड़ने पर आप इसके साथ कीटनाशक के तौर पर प्रोफेनोफॉस तथा लैम्डा उपयोग कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त अगर समस्याएं ज्यादा गंभीर है तो हमे संपर्क करे।