खरपतवारों की रोकथाम में ध्यान देने योग्य बात यह है कि खरपतवारों का सही समय पर नियंत्रण करें चाहे किसी भी प्रकार से करें। सोयाबीन की फसल में खरपतवारों की रोकथाम निम्नलिखित तरीकों से की जा सकती है।
1. निवारक विधि – इस विधि के द्वारा सोयाबीन के खेत में खरपतवारों को फैलने से रोका जा सकता है जैसे प्रमाणित बीजों का प्रयोग, अच्छी सड़ी कम्पोस्ट एवं गोबर की खाद का प्रयोग, खेत की तैयारी में प्रयोग किए जाने वाले यंत्रों की प्रयोग से पूर्व अच्छी तरह से सफाई इत्यादि।
2. यांत्रिक विधि – यह खरपतवारों पर काबू पाने की सरल एवं प्रभावी विधि है। सोयाबीन की फसल में बुवाई के 20-45 दिन के मध्य का समय खरपतवारों से प्रतियोगिता की दृष्टि से क्रांन्तिक समय है। दो निराई गुदाईयों से खरपतवारों की बढ़वार पर नियंत्रण पाया जा सकता है। पहली निराई बुवाई के 20-25 दिन बाद तथा दूसरी 40-45दिन बाद करनी चाहिए। निराई-गुराई कार्य हेतु व्हील हो या ट्रिवन व्हील हो का प्रयोग कारगर एवं आर्थिक दृष्टि से सस्ता पड़ता है।
3. रासायनिक विधि – खरपतवार नियंत्रण के लिए जिन रसायनों का प्रयोग किया जाता है उन्हें खरपतवारनाशी (हरबीसाइड) कहते हैं। रसायनिक विधि अपनाने से प्रति हेक्टेयर लागत कम आती है तथा समय की भारी बचत होती है लेकिन इन रसायनों का प्रयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इनका प्रयोग उचित मात्रा में उचित ढंग से तथा उपयुक्त समय पर हो अन्यथा लाभ की बजाय हानि की संभावना रहती है।