Soybean Crop Advisory: उत्पादन की दृष्टि से सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता हैं। जिन्होंने अभी तक बोवनी नहीं की हैं, उन्हें यह सलाह है कि सोयाबीन के अतिरिक्त आपके क्षेत्र के लिए अनुकूल कोई अन्य फसल लगाये।
सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में इस वर्ष बोवनी की तिथियों में भिन्नता देखि गयी हैं। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल 20-25 दिन कुछ क्षेत्रों में 10-15 दिन की हुयी है जबकि कुछेक क्षेत्रों में इसकी बोवनी पिछले सप्ताह ही संपन्न हुयी है। अतः उक्त परिस्थिति में सोयाबीन कृषकों के लिए निम्र कृषि कार्य अपनाने की सलाह हैं।
सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण के लिए वरीयता अनुसार हाथ से निंदाई/डोरा/कुलपा / खड़ी फसल में उपयोगी रासायनिक खरपतवारनाशक में से किसी एक विधि का प्रयोग करें।
जिन कृषकों ने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का छिड़काव किया है, वे 30-20 दिन की फसल होने पर डोरा/कुलपा चलायें।
बोवनी की तिथियों में भिन्नता होने से कीटों का प्रकोप भी अधिक समय तक रहने की आशंका हैं। अतः सुरक्षात्मक रूप से कीटनाशकों का छिडकाव करें। सलाह हैं कि पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) का छिडकाव करें। इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।
जिन्होंने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया है, सलाह हैं कि अनुशंसित कीटनाशकों के साथ संगतता पाए जाने वाले वाले निम्न खरपतवारनाशक एवं कीटनाशकों में से किसी एक को मिलाकर छिडकाव करें...
- कीटनाशक: क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) या क्विनाल्फोस 25 ई.सी (1 ली/हे) या इन्डोक्साकर्व 15.8 एस.सी (333 मि.ली./हे)
- खरपतवारनाशकः इमाज़ेथापायर 10 एस. एल (1 ली/हे) या क्विजालोफोप इथाइल 5 ई.सी (1 ली/हे)
कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल में तना मक्खी का प्रकोप होने के लक्षण देखे गए हैं। इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) का छिड़काव करें।
स्त्रोत : भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान