सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की उपयोगी सलाह

सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की उपयोगी सलाह
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Kisaan Helpline

Crops Jul 06, 2023

Soybean Farming: सोयाबीन की खेती किये जाने वाले कुछे क क्षेत्रों में पिछले सप्ताह मानसूनी वर्षा के आगमन के साथ ही सोयाबीन की बोवनी सम्पन्न होने के समाचार हैं जबकि कुछ क्षेत्रों के किसान आने वाले दिनों में सोयाबीन की बोवनी करने की प्रतीक्षा में हैं। साधारणतया, सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। अतः ऐसे किसान जिन्होंने सोयाबीन की बोवनी अभी तक नहीं की है, निवेदन है कि निम्र सस्य क्रियाओं का पालन कर सोयाबीन की बोवनी संपन करें।

इसके लिए कृषकों के लिए निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह हैं
  • आपके क्षेत्र में पर्याप्त मानसूनी वर्षा (100 मिमी.) होने की स्थिति में सोयाबीन की बोवनी करें।
  • सलाह है कि एक ही किस्म की बोवनी करने के स्थान पर अपने खेत में विभिन्न समयावधि में पकनेवाली 2-3 अनुशंसित किस्मों की खेती को प्राथमिकता दे।
  • विपरीत मौसम (सूखे कि स्थिति अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ.पद्धति या रिज एवं परो पद्धति मे करें।
  • सोयाबीन की बोवनी हेतु अनुशंसित 45 सें. मी. कतारों की दूरी का अनुपालन करें। साथ ही बीज को 2-3 सें. मी. की गहराई पर बोवनी करते हुए पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखें। बीज का आकार तथा 70% अंकुरण क्षमता के आधार पर सोयाबीन का बीज दर 60-70 किग्रा / हेक्टेयर की दर से उपयोग करें।
  • कृषकों को सलाह है कि बीज गुणवत्ता (न्यूनतम 70% अंकुरण) के आधार पर बीज दर का प्रयोग करें। अंकुरण परिक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का अंकुरण न्यूनतम 70% सुनिश्चित करें। 70% प्रतिशत से कम अंकुरण क्षमता वाले बीज का उपयोग किये जाने पर बीज दर बढाकर बोवनी किये जाने की अनुशंसा है। जैसे 65% अंकुरण क्षमता वाले बीज के लिए कि 75-70  किग्रा / हेक्टेयर जबकि 66% अंकुरण क्षमता वाले बीज के लिए 80-75  किग्रा / हेक्टेयर बीज दर का प्रयोग करें।
बीजोपचार एवं जैविक टीकाकरण 
  • कृषकों को सलाह है कि सोयाबीन फसल के प्रमुख रोगों के साथ साथ तना मक्खी जैसे कीटों से फसल की सुरक्षा हेतु बोवनी के समय निम्नानुसार FIR क्रम का अनुपालन करते हुए बीजोपचार करें।
  • बीजोपचार के लिए बाजार में उपलब्ध पूर्वमिश्रित फफूंदनाशक- कीटनाशक दवाई एजोक्सस्ट्रोबीन 2.5% + थायोफिनेट मिथाईल 11.25% +थायामियम 250एफ.एस. (10 मिली/कि.ग्रा. बीज) सबसे सुविधाजनक है क्योंकि इसमें फफूंदनाशक एवं कीटनाशक का संयोजन पहले से ही किया गया है।
  • बीजोपचार हेतु अन्य वैकल्पिक फफूंदनाशक जैसे पेनफ्लुपेन+ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन 38 एफ.एस. (1 मि.ली./.कि.ग्रा. बीज) अथवा कार्बोक्सिन 37.5%+थाइरम 37.5% (3 ग्राम/कि.ग्रा. बीज) उपयोग किये जाने की स्थिति में सत्ताह है कि इनसे उपचारित करने के पश्चात अनुशासित कीटनाशक थीयमेथोक्सोम 30 एफ.एस. (10 मि.ली मि.ली./कि.ग्रा. बीज) अथवा इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि.ली.कि.ग्रा. बीज) से भी उपचारित करें। 
  • फफूंदनाशक एवं कीटनाशकों से बीजोपचार बोवनी से पहले भी किया जा सकता है जबकि ब्रेडीरायजोबियम/PSB / मायकोरायजा जैसे जीवाणु खाद से टीकाकरण केवल बोनी के समय करें।
  • पूदनाशक एवं कीटनाशक से उपचारित बीज को बोवनी के समय सोयाबीन बीज को जैविक कल्चर ब्रेडीरायजोबियम + पी. एस. एम. (प्रत्येक 5 ग्राम/किग्रा बीज) से टीकाकरण करने की भी सलाह है।
  • कृषकगण रासायनिक फफूंद नाशक के स्थान पर जैविक फफूंद नाशक ट्रायकोडर्मा विरडी (10 ग्राम / किग्रा बीज) का भी उपयोग कर सकते है जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलकर प्रयोग किया जा सकता है।
उर्वरक प्रबंधन
सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों ( 25:60:40:20 कि.ग्रा./ह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश व सल्फर) की पूर्ति केवल बोनी के समय करें।
इसके लिए इनमें से कोई भी एक उर्वरकों के स्रोत का चयन प्रति एक हेक्टेयर के लिए किया जा सकता है;
  1. यूरिया 56 कि.ग्रा. + 375-400 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किया म्यूरेट ऑफ पोटाश अथवा 
  2. डी. ए. पी 125 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश +25 किग्रा / हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा
  3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @ 200 किग्रा + 25 किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर
खरपतवार नियंत्रण हेतु विशेष सलाह
  • खरपतवार नियंत्रण हेतु कृषकों को सलाह हैं कि अपनी सुविधा के अनुसार अनुशंसित बोवनी बोवनी पूर्व/बोवनी के तुरंत बाद/खड़ी फसल में उपयोगी अनुशंसित खरपतवारनाशकों में से किसी एक का प्रयोग निम्न सावधानियों के साथ कर सकते हैं।
  • बोवनी से पूर्व उपयोगी खरपतवारनाशकों के छिडकाव पश्चात भूमि में मिलाना आवश्यक है। इसके लिए कल्टीवेटर का प्रयोग कर सकते हैं।
  • बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग बोवनी के तुरंत बाद या बीजांकुर भूमि से बहार आने से पूर्व ही करें, अन्यथा बीजांकुर के मरने का खतरा होता हैं।
  • खरपतवारनाशकों के छिडकाव हेतु पॉवर स्प्रयेर का उपयोग करते हुए 125 लीटर /हि या नेपसेक स्प्रयेर से 450 लीटर/ह का प्रयोग सुनिश्चित करें.
  • खरपतवारनाशकों के छिडकाव के लिए फ्लड जेट/फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें।
स्त्रोत : ICAR-Indian Institute of Soybean Research

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