जैसे की आप जानते है सोयाबीन की बुवाई का समय जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह के मध्य 4-5 इंच वर्षा होने पर बुवाई करें सोयाबीन का बीज उपचार कर उसकी अंकुरण क्षमता 70% अवश्य ज्ञात करें। अपनी भूमि के अनुसार कम से कम दो-तीन किस्मों की बुवाई करें। अनुशंसित किस्में JS 9560 , JS 2069, JS 2034, JS 2029 एवं RBS 2001-04 है । अनुशंसित बीज दर 75 से 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उन्नत प्रजातियो की बुवाई करें। कतार से कतार की दूरी कम से कम 14 से 18 इंच के आसपास रखें। संभव हो तो रेज्ड-बेड विधि से फसल की बुवाई करें। खेत तैयारी के समय में उचित जलनिकास की व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
रेज्ड-बेड विधि से बुवाई करने से कम या अधिक वर्षा की स्थिति में फसल को नुकसान नहीं होता है। किसान भाइयों को सलाह है की अंर्तवर्ती फसलें जेसे सोयाबीन + अरहर (4-2), सोयाबीन + मक्का (4-2) अपनाएं। किसान भाई बीज, उर्वरक, कीटनाशक पंजीकृत संस्था से ही खरीदें और पक्का बिल ले। उसमें बीज की किस्म, कंपनी का नाम ,लाट नम्बर, उत्पादन और अंतिम तिथि लिखीं होनी चाहिए। खरीफ सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में कहीं भी कुछ शंका होने पर किसान भाई नजदीकी कृषि विभाग से सम्पर्क करें।
बुवाई से पहले सोयाबीन बीज को अनुशंसित पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक थायोफेनेट मिथाइल 45% + पायराक्लोस्ट्रोबिन 5% FS (2 मि.ली./कि.ग्रा. बीज) या कार्बोक्सिन 37.5%+ थाइरम 37.5% (3ग्राम/कि.ग्रा. बीज) या थाइरम (2 ग्राम) एवं कार्बेन्डाजिम (1 ग्राम) प्रति कि.ग्रा. बीज अथवा जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी (8-10 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज) से उपचारित करें। पीला मोजाइक बीमारी एवं तना मक्खी का प्रकोप को रोकने की लिए फफूंदनाशक से बीजोपचार के पश्चात कीटनाशक थायामिथोक्सम 30 एफ.एस. (10 मि.ली.प्रति कि.गा. बीज) या इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि.ली./कि.ग्रा. बीज) से बीज उपचार करें। फफूंदनाशक द्वारा उपचारित बीज को छाया में सूखाने के पश्चात् जैविक खाद ब्रेडीराइजोबियम कल्चर तथा पीएसबी कल्चर दोनों (5 ग्राम/कि.ग्रा बीज) से टीकाकरण कर तुरन्त बुवाई हेतु उपयोग करें। किसान भाई इस बात का विशेष ध्यान रखें कि क्रमानुसार फफूंदनाशक, कीटनाशक से बीजोपचार के पश्चात् ही जैविक कल्चर/खाद द्वारा टीकाकरण करें। साथ ही ध्यान रहें कल्चर व रासायनिक फफूंदनाशक को एक साथ मिलाकर कभी भी उपयोग में नहीं लाना चाहिए।