सरसों की खेती (Mustard Farming) मुख्य रूप से भारत के सभी क्षेत्रों पर की जाती है। सरसों की खेती (Mustard Farming) हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की एक प्रमुख फसल है। यह प्रमुख तिलहन फसल है। सरसों की खेती (Mustard Farming) खास बात है की यह सिंचित और बारानी, दोनों ही अवस्थाओं में उगाई जा सकती है। विश्व में यह सोयाबीन और पाम के तेल के बाद तीसरी सब से ज्यादा महत्तवपूर्ण फसल है।
सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Mustard MSP) में बढ़ोत्तरी
पिछले दिनों सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए रबी फसलों के नए समर्थन मूल्य जारी किए थे, सरकार ने इस बार की सरसों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, पिछले साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी (Mustrad MSP) 4650 रुपए प्रति क्विंटल था।
सरसों की वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने का सुझाव और तरीका
- बुवाई का उचित समय: 5 से 25 अक्टूबर तक खेत में सरसों की बुवाई करें।
- बीज की मात्रा: एक एकड़ खेत में 1 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करें।
- उर्वरक प्रबंधन: बुआई के समय खेत में 100 किग्रा सिंगल सुपरफॉस्फेट, 35 किग्रा यूरिया और 25 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश का छिड़काव करना चाहिए।
- खरपतवार प्रबंधन: सरसों की बुआई के बाद एक हफ्ते के भीतर खरपतवार की रोकथाम के उपाय करें।
- खरपतवार को रोकने के लिए पैंडीमेथालीन (30 EC) केमिकल की एक लीटर मात्रा 400 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- सरसों की बुआई के 20-25 दिन बाद खेत की निराई-गुड़ाई करें।
- पौधों की छटाई: निराई गुड़ाई करते समय घने पौधों को निकाल दें।
- उचित दुरी: खेत में पौधों के बीच लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखें।
- सिचाई प्रबंधन: फसल में पहला पानी 35-40 दिन के बाद दें, जरूरत होने पर दूसरी सिंचाई दाना बनते समय करें।
- सरसों में फूल आने के समय सिंचाई नहीं करनी चाहिए।
- पहली सिंचाई के बाद 35 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- हानिकारक कीट नियंत्रण: फसल पर माहूं या चेंपा कीट का हमला होने पर नीम तेल की 5 एमएल मात्रा एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- इसके लिए इमीडाक्लोप्रिड (17.8 एमएल) की 100 एमएल मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आवश्यक सुझाव: फसल पर केमिकल का छिड़काव शाम के समय करना चाहिए।
- जरूरत होने पर दूसरा छिड़काव 10-12 दिन बाद करे।
- फसल की देखभाल: फसल में फलियां बनते समय सरसों के पौधों की 20-25 सेमी नीचे की पुरानी पत्तियों की तुड़ाई कर दें।
- बुआई के 65-70 दिन बाद कार्बेन्डाजिम (12 फीसदी) और मैन्कोजेब (63 फीसदी) की 250 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
- फूल और फली बनने के समय थायोयूरिया की 250 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें, इससे फसल को पाले से भी बचाव होता है।
- फसल कटाई का उचित समय: सरसों की अच्छी पैदावार के लिए 75 फीसदी फलियां पीली हो जाएं तब ही फसल की कटाई करें।