पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी और फूलों की खेती अधिक लाभदायक है। किसान धान और गेहूं की तुलना में फूलों और फलों की खेती से भारी मुनाफा कमा रहे हैं। अब बदलते परिवेश में किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ विभिन्न फल-फूल उगाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसी तरह अब कई जगहों पर किसान रजनीगंधा के फूल की खेती भी करने लगे हैं।
रजनीगंधा का नाम तो आपने सुना ही होगा। आपको बता दें कि रजनीगंधा के फूलों की बाजार में काफी मांग है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी खुशबू बहुत लाजवाब होती है। रजनीगंधा के फूल लंबे समय तक खुशबू देते हैं। इसलिए अगर आप इसकी खेती करते हैं तो आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है, तो आइए हम आपको इसके बारे में सब कुछ बताते हैं। भारत में रजनीगंधा की खेती पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है, अगर आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि रजनीगंधा की उत्पत्ति मैक्सिको में हुई थी।
रजनीगंधा के फूलों का प्रयोग
रजनीगंधा के फूल सुगंधित और आकर्षक होते हैं। सफेद रंग का यह फूल लंबे समय तक ताजा रहता है। रजनीगंधा के फूल से गजरा भी बनाया जाता है जिसका प्रयोग महिलाएं श्रृंगार के रूप में करती हैं। रजनीगंधा के फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में भी किया जाता है। रजनीगंधा के फूल बहुत सुगंधित होते हैं, जिसके कारण इसका उपयोग इत्र बनाने में भी किया जाता है। रजनीगंधा के फूलों का उपयोग गुलदस्ते में भी किया जाता है।
ऐसे करें रजनीगंधा की खेती
रजनीगंधा की खेती के लिए आपको खेत में गाय का गोबर डालना होगा। आपको बता दें कि प्रति एकड़ 6-8 ट्रॉली गोबर खेत में डालें। इस उद्देश्य के लिए एनपीके या डीएपी जैसे उर्वरकों का भी उपयोग किया जा सकता है। रजनीगंधा की खेती उसी प्रकार की जाती है जिस प्रकार आलू की खेती की जाती है। यानी इसकी खेती कंदों से की जाती है। एक एकड़ में लगभग 20 हजार कंदों की आवश्यकता होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि रजनीगंधा की खेती करते समय आपको अच्छे और बड़े कंदों का ही उपयोग करना चाहिए, अन्यथा इसकी खेती अच्छे से नहीं हो पाएगी। साथ ही इसे लगाने के लिए इसमें 30 से 60 ग्राम और 2 सेमी व्यास के कंद डालें।
4-5 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है
इसके पौधों पर लगभग 4 से 5 महीने के अंतराल पर फूल आने लगते हैं। इसके बाद कटाई की प्रक्रिया शुरू होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक हेक्टेयर में रजनीगंधी की खेती करने में 1-2 लाख रुपये का खर्च आता है। इसकी खेती से पहले वर्ष में प्रति हेक्टेयर लगभग 90 से 100 क्विंटल फूल प्राप्त होते हैं, जिससे सालाना 4-5 लाख रुपये का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है।
विदेशों में भी मांग बढ़ रही है
पिछले कुछ वर्षों में रजनीगंधा के फूलों की मांग विदेशों में भी बढ़ी है। भारत से थाईलैंड को भी रजनीगंधा के फूलों की आपूर्ति की जा रही है।
राज्य सरकार दे रही बढ़ावा
राज्य सरकारें रजनीगंधा की खेती करने वाले नए किसानों को 24,000 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी भी देती हैं। हरियाणा में कई किसान अन्य फसलों की खेती की तुलना में जानीगंधा की खेती से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। इससे किसान प्रतिदिन करीब 20 से 30 हजार रुपये कमा सकते हैं।