Papaya Farming: मार्च-अप्रैल में पपीते के बीज से नर्सरी तैयार करने का काम समाप्त कर लेना चाहिए। इससे रोपण हेतु पौधे जून-जुलाई में उपलब्ध हो जाते हैं। एक हैक्टर पौध हेतु 250 ग्राम बीज पर्याप्त होता है। पपीते की पौध को 20X15 सें.मी. माप के 150-200 गेज के पॉलीबैग में मिट्टी: बालू: गोबर की खाद 1:1:1 के मिश्रण में भली प्रकार से तैयार कर सकते हैं। आई गलन पौधशाला में लगने वाली एक गंभीर व्याधि है। इसके नियंत्रण हेतु मेटालैक्सिल+मैंकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी से उपचार करें। पूरे बाग में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई नियमित रूप से कर लेनी चाहिए। पपीते के नवरोपित बागों की सिंचाई करें। बागों की निराई-गुड़ाई एवं सफाई का कार्य करें।