मिर्च का यह रोग विभिन्न प्रकार के विषाणुओं के कारण होता है। मोजेक के प्रकोप के कारण पत्तियां चितकबरी रंग की हो जाती हैं तथा इनमें कड़ापन भी आने लगता है। इसके लक्षण अलग ही दिखाई देते है, जो पौधा इसके प्रकोप में होता है, वह सामान्य से कम ऊंचा होता है। इस बीमारी का फैलाव रसचूसक कीटों के द्वारा होता है। आप इस से निपटने के लिए निम्न उपाय करें-
1. जो पौधे रोग से ग्रसित है उन पौधों को उखाड़कर फेक दें।
2. माहो और सफेद मक्खी को नियंत्रित करें।
3. विषाणु रोग रोधी जातियां जैसे पूसा सदाबहार, जवाहर मिर्च 218, तेजाब लाल, पूसा ज्वाला, पंत सी-1 आदि का प्रयोग करे।
4. प्रकोपित फसल पर डायमिथिएट 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर अथवा मेटासिस्टाक्स 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 10 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
5. मिर्च की तुड़ाई 10 दिनों बाद ही करें।