मेथी की खेती करने से किसानों को मिल सकता है बढ़िया मुनाफा, जानिए मेथी की खेती करने का तरीका

मेथी की खेती करने से किसानों को मिल सकता है बढ़िया मुनाफा, जानिए मेथी की खेती करने का तरीका
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Kisaan Helpline

Crops Sep 19, 2022

मेथी की खेती : वर्तमान समय में देश में किसान अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने पारंपरिक फसलों के साथ-साथ कम समय में अधिक उपज देने वाली फसलों की खेती भी शुरू कर दी है। इस दौरान मौसमी सब्जियों की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है। मेथी भी एक ऐसी ही फसल है, जो बहुत ही कम समय में किसान को अच्छा मुनाफा देती है। मेथी एक वनस्पति है जिसका पौधा 1 फुट से छोटा होता है। इसकी पत्तियाँ साग बनाने के काम आतीं हैं तथा इसके दाने मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। 

मेथी के बीज से लेकर पत्ते तक बिकते है बाजार में
मेथी के बीज से लेकर पत्ते और साग तक बाजार में हाथों हाथ बिक जाते हैं। मेथी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। यदि आप मेथी की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपके खेतों में हिसार सोनाली, हिसार सुवर्णा, हिसार मुक्ता, आरटीएम-305, ए एफ जी- 1, 2 व 3, आर एम टी- 1 व 143, राजेन्द्र क्रांति, को-1 और पूसा कसूरी आदि जैसी किस्में उगाई जा सकती हैं।

बुवाई का समय
मेथी की बुवाई के लिए सितंबर सबसे अच्छा महीना है। मैदानी इलाकों में इसकी बुवाई का समय सितंबर से मार्च तक है, जबकि पहाड़ी इलाकों में जुलाई से अगस्त तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस फसल की बुवाई के लिए अक्टूबर का आखिरी सप्ताह और नवंबर का पहला सप्ताह अच्छा समय है।

मेथी की बुवाई का तरीका
मेथी के दानों को बुवाई से पहले 8 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगो दें और 4 ग्राम थीरम, 50% कार्बेन्डाजिम या गोमूत्र से जैविक बीज उपचार से रासायनिक उपचार किया जा सकता है। बता दें कि बीज उपचार के 8 घंटे के बाद मेथी के बीजों को खेतों में लगा देना चाहिए। इसे खेतों में छिड़काव या ड्रिल विधि से बोया जाता है। इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। 

सिंचाई
बुवाई के बाद शुरुआत में बीजों के अंकुरण के लिए नमी का होना अच्छा होता है इसलिए हल्की सिंचाई करें। बीजों के जल्दी अंकुरण के लिए बुवाई से पहले सिंचाई करें। मेथी की उचित पैदावार के लिए बुवाई के लिए तीन से चार सिंचाई करें। फली के विकास और बीज के विकास के समय पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए क्योंकि इससे पैदावार में भारी नुकसान होता है।

फसल कटाई का समय
मेथी का साग के उद्देश्य से उगाने वाले किसान भाई बुवाई के माह भर बाद मेथी की कटाई शुरू कर दें। मेथी की फसल 140 - 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है। दानों के लिए इसकी कटाई निचले पत्तों के पीले होने और झड़ने पर और फलियों के पीले रंग के होने पर करें। कटाई के लिए दरांती का प्रयोग करें। कटाई के बाद फसल की गठरी बनाकर बांध लें और 6-7 दिन सूरज की रोशनी में रखें। अच्छी तरह से सूखने पर इसकी छंटाई करें, फिर सफाई करके ग्रेडिंग करें। एक हेक्टेयर खेत में लगभग 10-12 क्विंटल उपज प्राप्त होती है। मेथी दाना का बाजार मूल्य रु. 5 हजार प्रति क्विंटल थोक के रूप में। ऐसे में एक हेक्टेयर में मेथी की फसल लगाने से किसान को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

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