मटर की खेती: मटर की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए प्रमुख पॉँच बिंदु

मटर की खेती: मटर की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए प्रमुख पॉँच बिंदु
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Kisaan Helpline

Crops Oct 09, 2021

  • मटर की बुवाई के लिए बीजोपचार – थायरम + कार्बेण्डाजिम (2+1) 3 ग्राम/किग्रा बीज और थायोमिथोक्साम 3 ग्राम/किग्रा बीज की दर से उपचारित करें उसके बाद राइजोबियम एवं पीएसबी कल्चर 5-10 ग्राम/किग्रा बीज की दर से उपचारित कर तुरंत बोवाई करें।
  • फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिये पोटाश 60 किग्रा और सल्फर 20 किग्रा/हे. बुवाई के समय प्रयोग करें।
  • फसल में शाखा बनते समय और फूल आने के पूर्व स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें।
  • पाला से फसल को बचाने के लिये घुलनशील सल्फर 80 डब्लूपी 2ग्राम/लीटर + बोरोन1 ग्राम/लीटर का घोल बनाकर छिडक़ाव करें। मटर का भभूतिया रोग निरोधक उन्नत किस्में -प्रकाश, आई.पी.एफ.डी.99-13, आई.पी.एफ.डी.1-10, जी.एम.- 6, मालवीय -13, 15, के.पी.एम.आर. 400 किस्मों का चुनाव करें ।
  • भभूतिया रोग के प्रबंधन हेतु फफूंद नाशक दवा से बीजोपचार करें और खड़ी फसल में रोग आने पर घुलनशील सल्फर 1-1.5 ग्राम प्रति ली. या मेंकोजेब 2.5 ग्राम प्रति ली. की दर से 500 ली. प्रति हे. पानी में घोल बना कर छिड़काव करें।

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