जैसा की हम सभी जानते है सेब (एप्पल) की खेती पहाड़ियों राज्यों में की जाती है वही से पुरे भारत में सेब बिकने के लिए आता है जिससे इस फल की कीमत हमेशा अच्छी होती है यह फल हमेशा बाजार में महंगा ही बिकता है। मध्यप्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के (JNKVV) वैज्ञानिक द्वारा एक खुशखबरी यह है की अब सेब की खेती प्रदेश में संभव हो सकेगी।
मध्यप्रदेश के जबलपुर जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV) के वैज्ञानिको द्वारा कई रिसर्च किए जाते है उन्ही के द्वारा विश्वविद्यालय में 14 महीने पहले कई सेब के पोधो की बुवाई की गई थी और उनके रखरखाव को देखते हुए वैज्ञानिको द्वारा बताया गया है की उन पोधो में अब फूल आने शुरू हो गए है। वैज्ञानिको द्वारा पौधे की बुवाई कोरोना के समय 10 पौधे की बुवाई की गई थी जिसमे से कुछ पौधे सुख गए है बाकि पौधों में फूल खिलने लग गए है। यह सब कुछ देखते हुए वैज्ञानिक को उम्मीद है की अब फल बनना शुरू हो जाएगे। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में वैज्ञानिक द्वारा हिमांचल प्रदेश के शिमला में की जाने वाली सेब की उन्नत किस्म हरिमन-99 की बुवाई की गई है।
मध्यप्रदेश के किसान भी सेब की बुवाई कर पाएगे यदि वैज्ञानिको की इस कोशिश से सेब के पोधो में उम्मीद के हिसाब से फल बन गए तो और फल अच्छी तरह पककर तैयार हो गए तो प्रदेश के किसानों द्वारा भी सेब की बुवाई की जा सकेगी और मध्यप्रदेश का सेब बाजार में बिकेगा।