Chili Farming: खराब मौसम और बेमौसम हुई बारिश ने इस साल खरीब फसलों के उत्पादन में भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसका असर लाल मिर्च के उत्पादन में भी कमी को देखा गया है। इस साल मौसम और जलवायु परिवर्तन ने मीर्च उत्पादन में कमी आई जिससे मिर्च की दरों में रेकार्ड तेजी को देखा जा रा है। जब भी उत्पादन में कमि होती है दरों में तेजी को देखा जाता है लाल मिर्च का सबसे बड़ा बाजार नंदुरबार कृषि बाज़ार माना जाता है। नंदुरबार कृषि बाज़ार लगभग 300 क्विटंल लाल मिर्च प्रतदिन की आवक होती है। कम आवक को देखते हुए इस साल लाल मिर्च की दर 4 से 5 हजार क्विंटल की दर से बिक पिछल साल की तुलना में दो गुना देखा जा रहा है। लेकिन दो गुने भाव होते हुए भी किसान दुखी है क्योकि इस साल किसान मिर्च का उत्पादन कम हुआ है। कम उत्पादन और बाजार में मिर्च की कम आवक को देकते हुए कारोबारियों को मानना है की आने वाले समय में मिर्च की कीमतों में और बढ़ोतरी को देखा जाना संभव है।
लाल मिर्च की खेती कब से कब तक
लाल मिर्च की खेती की बुवाई जून के महीने में शुरू होती है। हरी मिर्च रोपण के बाद तीन से चार महीने में पैदा होती है। हरी मिर्च का उत्पादन दिसंबर तक होता है, जिसके बाद एक महीने के भीतर लाल मिर्च का उत्पादन होता है। जब लाल मिर्च पौधे पर ही लाल हो जाती है, तो छंटाई शुरू हो जाती है कटाई आमतौर पर जनवरी के अंत में शुरू होती है, उसके बाद मिर्च को सूखी लाल मिर्च में बनाया जाता है। मौसम की मार को देखते हुए इस साल आवक में कमी को देखा जा रहा है। नंदुरबार जिले में प्रतिवर्ष 2500 हेक्टैयर में लाल मिर्च की खेती की जाती है। नंदुरबार कृषि बाज़ार समिति में इसको बेचा जाता है।
इस साल लाल मिर्च की हुई दोगुनी दरे
पिछले साल की तुलना में इस साल किसान को मिल रहा है रिकार्ड रेट पिछले साल लाल मिर्च जिसकी दर 1800 से 2000 रूपए बिक रहा था जो इस वर्ष दोगुनी दर से 4000 से 5000 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बाजार में बिक रहा है। उत्पादन की कमी को देख कर किसान दुखी तो हुए है पर इन बढ़ती दर को देख को किसान भाई को राहत हुई है।