लहसुन और प्याज की खेती: बीज और भूमि जनित रोगों से सुरक्षित रखने के लिए करे उपचार, जानिए बीज और भूमि उपचार की विधि

लहसुन और प्याज की खेती: बीज और भूमि जनित रोगों से सुरक्षित रखने के लिए करे उपचार, जानिए बीज और भूमि उपचार की विधि
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Kisaan Helpline

Crops Sep 08, 2021

लहसुन और प्याज को बीज तथा भूमि जनित रोगों से सुरक्षित रखने के लिए बीजो का उपचार करना बहुत ही ज़रूरी है। इसके लिए किसान भाइयों बुवाई करने से पहले निम्न प्रकार से बीजोपचार करना चाहिए। 

जैविक उपचार
मिट्टी उपचार- 2.5 kg प्रति हेक्टेयर ट्राइकोडर्मा विरिडी को लगभग 60 से 70 kg गोबर की खाद में मिलाकर लगभग 8 से 10 दिन तक हल्की नमी बनाये रखे तथा इसे छाया में रखने के उपरान्त बुवाई से पहले आखिरी जुताई के समय मिट्टी में मिला देना चाहिए तथा साथ में 200 kg नीम खली का भी प्रयोग भी करना चाहिए। बीज उपचार- बुवाई से पूर्व कलियों को ट्राईकोडर्मा तथा स्यूडोमोनास 5 ग्राम प्रति एक किलोग्राम बीज के हिसाब से बीजोपचार कर बुआई करना चाहिए।

रासायनिक उपचार
मिट्टी उपचार हेतु लहसुन और प्याज की बुवाई से पूर्व खेत तैयारी के समय रासायनिक उर्वरकों के साथ सल्फर 90% WDG या कार्बेन्डिज़िम+मेन्कोजेब  के साथ भूमि को उपचारित करे साथ में कीटनाशक के रूप में Fipronil 0.3% GR का इस्तेमाल करें। बीज उपचार के लिए Carbendazime 12% + Mancozeb 63% WP + Thiamethoxam 30% FS  ​या  Captan 50% WP 1-2 ग्राम / किलो बीज के हिसाब से बीजोपचार कर बुवाई करना चाहिए।

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