जैसा की हम सभी को पता है सोयाबीन की फसल में कई प्रकार के रोग देखने को मिलते है वही कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा किसानों की परेशानी को देखते हुए सोयाबीन की फसल में तना मक्खी और सफेद लट के प्रकोप से निराकरण करने के उपाय बताए गए और किसान भाइयो को सलाह भी जारी की गई, सोयाबीन की फसल कई जिलों में जल्द बोवनी के होते 20 से 25 दिन की हो गयी है। ऐसे में शुरुवात से ही फसल में तना मक्खी और सफेद लट प्रकोप का असर देखने को मिल गया है जिसको देखते हुए किसान भाइयो की चिंता बड़ गई है प्रकोप को देखते हुए किसान को आर्थिक नुकसान की आशंका दिखती नजर आ रही है किसानो की परेशानी को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के सलाहकार द्व्रारा रोग से बचाव के लिए सलाह जारी की गई।
सोयाबीन की फसल में तना मक्खी और सफेद लट के प्रकोप से निराकरण करने के उपाय :
तना मक्खी
कीट की पहचान
- इस किट की इल्ली सफेद रंग की तने की अंदर रहती है। व्यस्क कीट चमकीले काले रंग का 2 cm आकर का होता है।
- इस किट की मादा पतियों पर पीले रंग के अंडे देती है जिनमे से मैगट निकल कर पतियों की शिराओ में छेद कर सुरंग बनाते है और तने में प्रवेश कर जाते है और तने को खोखला कर देते है, इसके कारन पौधे शुरुआत में ही पत्तिया पिली दिखाई देती है और बाद में पौधा पूरा पीला हो जाता है।
कीट के नियंत्रण के उपाय
तना मक्खी रोग से बचाव के लिए थायोमिथौक्जाम 12.60 % + लेंबड़ा सायहैलोथ्रिन 9.50% ZC के मिश्रण की 125 मिली लीटर या क्लोरएट्रानिलीप्रोल 18.5 % SC की 125 मिली मात्रा या बीटासाइफ्लूथिन + इमिडाक्लोप्रिड की 350 मिली मात्रा को 500 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। जरूरत पड़ने एवं पर 10 से 12 दिन के बाद दूसरा छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
सफेद लट
कीट की पहचान
यह सफेद रंग की मोटी इल्ली होती है और इसका व्यस्क भूरे रंग का होता है जो सांयकाल में जमीन से निकल कर पेड़ो की पतियों पर बैठ जाता है साथ की बड़े पोधो को नुकसान पहुँचता है। सफेद लट असर जमीन में रह करके पोधो की जड़ो को खाती रहती है जिससे पौधे कतार में सूखे दिखने लग जाते है अधिक प्रकोप से फसल में 20 से 40 % का नुकसान दिखाई देने लगता है
कीट के नियंत्रण के उपाय
सफेद लट के वयस्कों को पकड़ने के लिए लाइट ट्रैप एक प्रति हेक्टैयर की दर से प्रयोग करे।
कार्बोफुरोन 3% सीजी की 25 किलो मात्रा प्रति हेक्टैयर की दर से 40 से 50 किलो रेत में मिलाकर के या क्लोरपाईरिफोस 20% इसी की 4 लीटर मात्रा को 40 से 50 किलो रेत में मिलाकर के खेत में हाथ से भुरकाव करना चाहिए।