सोयाबीन की खेती करने वाले किसान रखें इन बातों का विशेष ध्यान
लगातार वर्षा होने की स्थिति में अपने खेत से अतिरिक्त जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
अपने खेत की नियमित निगरानी करें एवं 3-4 जगह के पौधों को हिलाकर सुनिश्चित करें कि क्या आपके खेत में किसी इल्ली/कीट का प्रकोप हुआ है या नहीं और यदि हैं, तो कीड़ों की अवस्था क्या हैं? तदनुसार उनके नियंत्रण के उपाय अपनाये।
सोयाबीन की फसल में कीटनाशक एवं खरपतवारनाशक के मिश्रित उपयोग का संयोजन अभी तक केवल निम्न 3 कीटनाशक एवं 2 खरपतवारनाशकों के लिए ही अनुशंसित किया गया हैं. इनके अतिरिक्त किसी अन्य संयोजन की अनुशंसा नहीं हैं.
पीला मोज़ेक रोग से सुरक्षा हेतु रोगवाहक कीट सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
कीटनाशक या खरपतवारनाशक के छिड़काव के लिए पानी की अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें (नेप्सेक स्प्रेयेर से 450 लीटर / हे या पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर / हे न्यूनतम)
किसानों को सलाह हैं कि कीटनाशक के छिड़काव हेतु कोन नोजल जबकि खरपतवारनाशक के छिडकाव हेतु फ्लड जेट/फ्लैट फेन नोजल का उपयोग करें।
सोयाबीन की फसल में पक्षियों की बैठने हेतु "T" आकार के बर्ड-पर्चेस लगाये, इससे कीट-भक्षी पक्षियों द्वारा भी इल्लियों की संख्या कम करने में सहायता मिलती है।
किसी भी प्रकार का कृषि आदान क्रय करते समय दूकानदार से हमेशा पक्का बिल लें जिस पर बैच नंबर एवं एक्सपायरी दिनांक स्पष्ट लिखा हो।
सोयाबीन का जैविक उत्पादन लेने वाले किसान कृपया पत्ती खाने वाली इल्लियों (सेमीलूपर, तम्बाकू की इल्ली) से फसल की सुरक्षा एवं प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम हेतु बेसिलस थुरिन्जिएन्सिस अथवा व्युवेरिया बेसिआना या नोमुरिया रिलेयी (1.0ली/ हेक्टे) का प्रयोग करें।
सोयाबीन फसल में तम्बाकू की इल्ली एवं चने की इल्लियों के प्रबंधन हेतु बाजार में उपलब्ध कीट विशेष फेरोमोन ट्रंप या प्रकाश प्रपंच लगाये।
सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु उपयोगी सलाह
जहा फसल 15-20 दिन की हो गई है, और अभी तक किसी भी प्रकार के खरपतवारनाशक का प्रयोग नहीं किया हैं, सलाह हैं कि सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए अनुशंसित खड़ी फसल में उपयोगी किसी एक रासायनिक खरपतवारनाशक का छिडकाव करें।
सोयाबीन की बोवनी करते समय यदि आपने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का छिड़काव किया है, 20 30 दिन की फसल होने पर डोरा/कुलपा चलायें।
जिन्होंने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया हैं, सलाह हैं कि अनुशंसित कीटनाशकों के साथ संगतता पाए जाने वाले वाले निम्न खरपतवारनाशक एवं कीटनाशकों में से किसी एक को मिलाकर छिडकाव किया जा सकता हैं:
कीटनाशक: क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. (150 मिली/हे) या क्विनाल्फोस 25 ई.सी (1 ली/हे) या इन्डोक्साकर्व 15.8 एस.सी (333 मि.ली. /हे)
सोयाबीन की फसल में हानिकारक कीट और रोग नियंत्रण हेतु उपयोगी सलाह
जहाँ पर फसल 15-20 दिन की हो गई हो, पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस. सी. (150 मिली/हे) का छिड़काव करें। इससे अगले 30 दिनों तक पर्णभक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।
कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल में तना मक्खी का प्रकोप होने के लक्षण देखे गए हैं, इसके नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम 12.60% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% जेड.सी. (125 मिली./हे.) का छिड़काव करें।
कुछ क्षेत्रों में तम्बाकू की इल्ली का प्रकोप होने के समाचार प्राप्त हुए हैं, इसके नियंत्रण हेतु निम्न में से किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करने की सलाह हैं। इससे पत्ती खाने वाली अन्य इल्लिया (चने की। इल्ली या सेमीलूपर इल्ली) का भी नियंत्रण होगा। लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी.एस. (300 मिली/हे) या क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी ( 150 मिली/हे) या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 (425 मिली/हे) या ब्रोफ्लानिलिडे 300 एस.सी. ( 42-62 ग्राम/हे) या |फ्लूबेडियामाइड 20 डब्ल्यू. जी. (250-300 ग्राम/हे) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35एस.सी ( 150 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब । 15. 8एस.सी. (333 मिली/हे) या प्रोफेनोफॉस 50ई.सी. (1 ली/हे) या स्पायनेटोरम 11. 7 एस.सी ( 450 मिली/हे) या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 एस.सी. (250-300 मिली/हे)
मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में (देवास जिला) बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप प्रारंभ होने की सूचना हैं. किसानों को सलाह हैं कि प्रारंभिक अवस्था में झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियों को पौधे सहित | खेत से निष्कासित करें एवं इसके नियंत्रण हेतु फसल पर क्विनालफॉस 25 ई.सी. (1 ली/हे) या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 04.90 सी.एस. (300 मिली/हे) या इंडोक्साकार्ब 15.8एस .सी. (333 मिली/हे) का छिडकाव करें।
कुछ क्षेत्रो में रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट का प्रकोप होने की सूचना प्राप्त हुई है। कृषकों को सलाह हैं कि नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाझोल 5% ईसी ( 1 मिली / ली पानी) का छिडकाव करें।
स्त्रोत : भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान