कृषि वैज्ञानिक के अनुसार पपीते की बुवाई का सही समय बताते हुए कहा गया है कि किसान भाई मार्च के पहले सप्ताह में अपना खेत तैयार कर पपीते का पौधा लगा सकते हैं।
पपीते की खेती कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने वाली खेती कही जाती है इसकी खेती 10 से 30 डिग्री वाली गर्म जलवायु में करना उचित होता है।
कृषि वैज्ञानिक सलाह
कृषि वैज्ञानिक की सलाह के अनुसार किसान पपीते के तैयार पौधे को खेत में मार्च के पहले सप्ताह में लगा सकता है। मार्च के महीने में हलकी गर्म जलवायु रहती है जिसमे इसके पौधे को लगाना उचित रहता है साथ ही इस समय रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आस पास होता है जिससे इसके पौधे का विकास अच्छा होता है। उतर भारत के अधिकांश हिस्सों में इसकी खेती का सही समय फरवरी और मार्च में इसके पौधे बुवाई कर देते है।
पपीते की बुवाई में कुछ ध्यान रखने वाली बात
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार सबसे पहले किसान 1 मीटर चौड़ी, 15 सेंटीमीटर उंची लम्बी क्यारिया जरुरत के हिसाब बनानी चाहिए। पौधे को 2 cm की दुरी पर क्यारिया में लगाना चाहिए। सामान्यत इसके बीजो को प्रो ट्रे भी बुवाई की जाती है, इसमें लगभग 250 से 300 ग्राम हेक्टेयर बीजों जरूरत होती है। पपीते की एक किस्म रेड लेडी जिसका बीज एक 10 ग्राम का पैकेट है, जिसमे लगभग 600 बीज निकलते है इसके बिच से उगने वाले सभी पोधो में फल लगते है।
पपीते के बीज जब अंकुरित पौधे मुरझा कर जमीन पर गिर जाते है, यह एक रोग होता है जिसे डम्पिंग ऑफ डिजीज कहा जाता है। इस रोग से निवारण के लिए 2 ग्राम रिडोमिल एम गोल्ड नामक फफूंदनाशक को प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करना होता है। मार्च का महीना इसके बीज के अंकुरण के बहुत सही समय होता है। नर्सरी तैयार पौधों को किसान भाई अपने खेत में इस समय लगा सकते है। इस प्रक्रिया से पौधे को लगाने से फसल जल्दी तैयार होती है और किसान भाई इसे बाजार में बेज कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है। इन पोधो को नर्सरी में लगभग एक महीने में तैयार किआ जाता है।
इस तरह वैज्ञानिक सलाह को मानते हुए किसान मार्च में पपीता की बुवाई कर सकता है और लाभ प्राप्त कर सकता है।