किसानों को करेगी मालामाल आलू की नई प्रजाति कुफरी संगम

किसानों को करेगी मालामाल आलू की नई प्रजाति कुफरी संगम
News Banner Image

Kisaan Helpline

Crops Mar 04, 2021

सब्जियों में आलू का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी उत्पादन क्षमता अन्य फसलों की अधिक है। इसलिए इसे अकाल नाशक फसल भी कहा जाता है। इसका प्रयोग सभी सब्जियों के साथ व एकल रूप में दोनों तरीके से भी किया जाता है। इससे कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जाते है। इसकी बाजार में 12 महीने मांग बनी रहती है। इसे यदि सब्जियों का राजा कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा। इसी के साथ ही किसानों के लिए भी यह फसल बहुत फायदा देने वाली है, क्योंकि इसकी डिमांड मंडी में हर मौसम में रहती है। अक्टूबर में इसकी अगेती फसल की बुवाई करके किसान बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसकी अगेती फसल से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

आलू की नई प्रजाति कुफरी संगम का विस्तार:

- 12 वर्ष तक शोध का कार्य करके केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) के वैज्ञानिकों ने आलू की नई कुफरी संगम प्रजाति तैयार की है। नई प्रजाति खाने में स्वादिष्ट होगी तो उत्पादन भी अच्छा होगा। और इस प्रजाति का शोध वैज्ञानिकों ने मेरठ के मोदीपुरम में किया हैं।
- अखिल भारतीय स्तर पर इसका परीक्षण 14 केंद्रों पर मानकों पर खरा उतरा है, इसके बाद किसानों के लिए तैयार किया गया है, कृषि वैज्ञानिक की शोध के अनुसार यह किस्म 100 दिनों में तैयार होने वाली है। इसके साथ ही उत्पादन के लिए भी अच्छी है।
- इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधी क्षमता भी अधिक है। यह प्रजाति उत्तर प्रदेश समेत देश के आठ राज्यों के लिए खास उपयोगी होगी। इनमें कुफरी चिप्सोना, कुफरी बहार, फ्राइसोना से अधिक उत्पादन होगा।
- इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ हरियाणा और पंजाब का नाम शामिल है। इसकी बुवाई उत्तरी मैदान में अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में कर सकते हैं। इसके अलावा केंद्रीय मैदान में अक्टूबर से नवंबर के पहले पखवाड़े तक कर सकते हैं।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline