Chia Seeds Farming: हाल के दिनों में दुनिया भर में स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि के साथ, यह स्वास्थ्य लाभ वाले भोजन की मांग करता है, इन खाद्य पदार्थों के उपयोग से दुनिया में कई बीमारियों (मधुमेह, मोटापा और हृदय संबंधी) को रोका जा सकता है। चिया को लगभग 4,500 साल पहले मेसोअमेरिका में पालतू बनाया गया था और भोजन और औषधि के रूप में उपयोग किया जाता था। चिया बीज उच्च आहार फाइबर, राख, प्रोटीन, लिपिड, कार्बोहाइड्रेट, खनिज, विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट से बने होते हैं और इसमें उच्च मात्रा में ओमेगा -3 और ओमेगा -6 आवश्यक फैटी एसिड भी होते हैं। इसकी खेती के लिए किसी भी लागत या उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है। चिया बीज को अन्य खाद्य पदार्थों में टॉपिंग सामग्री के रूप में जोड़ा जा सकता है। औषधि के रूप में भारत में चिया फसल की सफल खेती से आर्थिक स्थिति, जीवन स्तर और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
चिया सीड को सुपर फूड भी माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम साल्विया हिस्पैनिका है। यह एक फूल वाला पौधा है। माना जाता है कि चिया बीज मध्य और दक्षिणी मेक्सिको और ग्वाटेमाला के मूल निवासी हैं। पिछले कुछ सालों से चिया सीड्स की खेती (Chia Seed Ki Kheti) भारत में भी होने लगी है। मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों समेत कुछ अन्य इलाकों में किसान इसकी खेती कर रहे हैं। धीरे-धीरे इसका विस्तार अन्य राज्यों में भी हो रहा है। कम लागत और बहुत अधिक मुनाफ़े के कारण चिया बीज की खेती किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
चिया बीज की खेती के लिए खेत की तैयारी
चिया सीड्स की अच्छी पैदावार पाने के लिए खेत को ठीक से तैयार करना जरूरी है। सबसे पहले दो या तीन बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें। इसके बाद कुदाल चलाकर खेत को समतल कर लिया जाता है। अच्छे अंकुरण के लिए बुआई से पहले खेत में उचित नमी का होना जरूरी है।
चिया बीज बोने का सही समय
चिया बीज बोने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और नवंबर का महीना है। अच्छी उपज के लिए निराई-गुड़ाई आवश्यक है। निराई-गुड़ाई कम से कम दो बार करनी चाहिए।
बीज की मात्रा
इसमें बीज की मात्रा 1 से 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ रखी जाती है।
बुवाई का तरीका
चिया सीड्स (chia seeds) की बुवाई छिटकवाँ विधि से या लाइनों में की जाती है, परन्तु लाइनों में बुवाई करना अधिक उपयुक्त रहता है। बुआई के समय यदि खेत में नमी की मात्रा कम हो तो हल्की सिचाई बुवाई के उपरांत की जा सकती है।
चिया सीड की फसल 100-115 दिन में तैयार हो जाती है
चिया सीड की फसल 100-115 दिन में तैयार हो जाती है. चिया बीजों की कटाई नहीं की जाती बल्कि तैयार फसल को उखाड़ दिया जाता है। किसान उखाड़ी गई फसल को सुखाने के बाद गहाई करके बीज निकाल लेते हैं। एक एकड़ खेत में लगभग 6 क्विंटल चिया बीज की पैदावार प्राप्त होती है।
चिया सीड्स के फायदे
- वजन कम करने में सहायक
- हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
- हड्डियों और दांतों के लिए उपयोगी
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें
- डायबिटीज और बीपी में फायदेमंद
- कब्ज से राहत दिलाएं
- कैंसर का खतरा कम करें
- ऊर्जा बढ़ाने में सहायक
- नींद में सुधार
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
- प्रोटीन का अच्छा स्रोत
- त्वचा के लिए फायदेमंद
- बालों के लिए चिया बीज
चिया सीड्स के सेवन के नुकसान
चिया सीड्स में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। इसकी वजह से पेट दर्द या पेट फूलना जैसी पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि इसका सेवन कम मात्रा में ही करें। अगर सब कुछ ठीक रहा तो नियमित रूप से या हर दूसरे दिन इसका सेवन करें।
अगर कोई संवेदनशील है और उसे नई चीजों से जल्दी एलर्जी हो जाती है तो पहली बार चिया बीज का सेवन करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें। चिया सीड्स से एलर्जी के कारण खुजली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चिया सीड्स में खून को पतला करने के गुण होते हैं। अगर कोई पहले से ही खून पतला करने की दवा ले रहा है तो उसे लेने से बचें। अगर आपकी किसी तरह की सर्जरी हुई है तो भी इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि सर्जरी के बाद इसका सेवन करने से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है।