Jackfruit Farming: भारत में कटहल की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसका उपयोग सब्जियों और फलों दोनों में किया जाता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मानव शरीर के लिए जरूरी होते हैं। इन्हीं पूछताछ को देखते हुए बाजार में कटहल की अच्छी मांग है और इसकी कीमत भी अच्छी है। इसकी खेती की खास बात यह है कि इसे तैयार करने में ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में कटहल की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है।
कटहल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए और सी और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है जो काफी पौष्टिक होती है। इस पौधे को बरसात के मौसम में लगाया जा सकता है। इसकी बाजार में मांग भी काफी ज्यादा है और इसकी कीमत भी अच्छी है। इसकी खेती यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के कई राज्यों में की जाती है। अब इसकी खेती लगभग पूरे भारत में होने लगी है। इसे फल और सब्जी दोनों माना जाता है। यह पेड़ साल में दो बार फल देता है। ऐसे में किसान इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
कटहल की बुवाई और खेती के तौर तरीके
कटहल की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय जून या जुलाई निर्धारित किया गया है। इस महीने में किसानों को सिंचाई के लिए ज्यादा मेहनत या खर्च नहीं करना पड़ता है, क्योंकि यह देश में बारिश का महीना होता है। किसान को एक हेक्टेयर में लगभग 150 पौधे लगाने चाहिए। इसकी दूरी 35 से 40 फीट रखनी चाहिए और पौधों की कतारों की दूरी भी 35 से 40 फीट रखनी चाहिए। किसान चाहें तो कटहल की एकल या मिश्रित खेती कर सकते हैं। खेत में लगाने के बाद 3 से 4 साल में पेड़ कटहल देना शुरू कर देता है। किसान चाहे तो इसे तोड़कर बाजार में या किसी व्यापारी को थोक में बेच सकता है।
कटहल की खेती
कटहल की खेती के लिए जमीन को जैविक विधि से तैयार किया जाता है, जिसमें 10 सेमी तक गहरी जुताई की जाती है, इसके पौधे हर गड्ढे की दूरी पर लगाए जाते हैं।
- इन गड्ढों में गोबर, उर्वरक और नीम की खली डाली जाती है, ताकि मिट्टी और पौधों की बीमारियों को रोका जा सके।
- गड्ढे तैयार करने के 15 दिन बाद उनमें कटहल के पौधे लगा देते हैं और सिंचाई कर देते हैं।
- अगर कटहल की खेती बीज से की जाए तो पौधे से फल आने में 5 से 6 साल लग जाते हैं।
- अगर कटहल की खेती गुटी विधि से की जाए तो यह 3 साल के अंदर फल देना शुरू कर देता है।
- इसकी फसल में नमी बनाए रखने के लिए हर 15 से 20 दिन में सिंचाई का कार्य किया जाता है।
- बेहतर उत्पादन के लिए पौधे की प्लेटों को निराई-गुड़ाई करके साफ रखना चाहिए।
- बड़े पैमाने पर कटहल की खेती करते समय हर 2 साल में खेत की जुताई करना फायदेमंद होता है।
कटहल उत्पादन से लाभ
कटहल का पेड़ रोपाई के तीन से चार साल बाद ही फल देना शुरू कर देता है। लगभग 12 वर्षों तक अच्छी मात्रा में फल देता है। एक हेक्टेयर में 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। एक हेक्टेयर में कटहल की खेती करने में 40,000 रुपये का खर्च आता है. एक पौधे से साल भर में 500 से 1000 किलोग्राम तक पैदावार मिलती है. इस तरह एक साल के उत्पादन से 3 से 4 लाख रुपये आसानी से कमा सकते हैं. जैसे-जैसे फलों का उत्पादन बढ़ता है, मुनाफा भी बढ़ता जाता है। इसके अलावा कटहल का पेड़ लंबा और छायादार होता है। पेड़ों की छाया में इलायची, काली मिर्च आदि चीजों की खेती करके मुनाफा कमाया जा सकता है। कटहल से फल लगने के बाद इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जा सकता है।