1. निवारण के लिए हो सके छ: वर्षीय फसल चक्र अपनाए।
2. इसके लिए गर्मी के दिनों में गहरी जुताई (6-7 इन्च) करके खेत को समतल करे।
3. इस रोग से बचने के लिए रोग मुक्त बीज का प्रयोग करे।
4. रोग प्रतिरोधी और अच्छी किस्में लगाये।
5. कार्बोक्सीन 37.5 % + थायरम 37.5 % @ 3 ग्राम/किलो बीज या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम/किलो बीज से बीज उपचार करे।
6. माइकोराइज़ा @ 4 किलो प्रति एकड़ 15 दिन की फसल में भुरकाव करें।
7. फूल आने से पहले थायोफिनेट मिथाईल 75% @ 300 ग्राम/एकड़ का स्प्रे करें।
8. फली बनते समय प्रोपिकोनाज़ोल 25% @ 125 मिली/ एकड़ का स्प्रे करें।