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जैसा की हम जानते है की गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल टिंडे होती है इसकी खेती इस समय सबसे ज्यादा उत्तरी भारत में सबसे ज्यादा की जाती है साथी ही लगभग इसकी खेती अब पुरे भारत में की जाती है। टिंडे की बात करे तो टिंडे की सब्जी बनाई जाती है जो बाजार में अच्छे दामों में बिकती है। टिंडे को round melon, round gourd, Indian squash नामो से भी जाना जाता है। टिंडे के फल में लगभग सारे पदार्थ जैसे वसा, विटामिन, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और केरोटीन की मात्रा भी होती है इसका सेवन हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। साथ ही ओषधियों में भी इसके फल का उपयोग किया जाता है इसको खाने से सुखी खासी और रक्त संचार जैसे बीमारियों को अच्छा किया जा सकता है।
उपयुक्त समय और जलवायु
टिंडे की खेती के लिए गर्म जलवायु इसकी खेती करने के लिए अच्छी होती है। इसकी बुवाई मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में इसकी बुवाई की यह समय इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त होता है। इस फसल के लिए 10 से 25 डिग्री का तापमान में इसका उत्पादन अच्छा होता है।
उपयुक्त भूमि
टिंडे की खेती के लिए हमे भूमि का चयन अच्छी समतल नमी वाली भूमि पर इसकी खेती करनी चाइये साथ ही भूमि में जल निकासी अच्छी होनी चाइये। रेतीली दोमट मिट्टी में इसकी खेती बहुत अछि होती है। अच्छी पैदावार के लिए PH मान 5 से 7 के बिच भूमि का होना चाहिए।
बुवाई के लिए खेत तैयार
टिंडे की बुवाई से पहले खेत को तैयार करे इसके लिए हम खेत की जुताई करे मिटटी की भुरभुरा करे और समतल बनाए और मेढे बनाए जिससे बीज की बुवाई हम इस पर कर सखे। हमे बीज की बुवाई इस तरह करनी है की पौधे से पौधे की दुरी हम 45cm तक हो साथ बिच की गहराई 2 से 3 c.m. की होनी चाहिए।
बिज की मात्रा
टिंडे की बुवाई के हमे लगभग 600 से 800 ग्राम बिज की आवश्यक्ता होती है।
बीज उपचार
बीज बुवाई से पहले हमे इसके बीज को अंकुरित करने के लिए लगभग 20 से 24 घंटो के लिए पानी में डाल देना चाइये। साथ ही ट्राइकोडर्मा विराइड 4 ग्राम या स्यूडोमोनास, फ्लोरोसेंस 10 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किग्रा बीज से उपचार चाइये।
सिंचाई
टिंडे की फसल सिंचाई बुवाई के दूसरे तीसरे दिन से सुरु करनी चाहिए। उसके बाद गर्मी को देखते हुए गर्मी में इसकी सिचाई सप्ताह में एक बार करनी चाहिए। अच्छी पैदावार ड्रिप लगाकर इसकी सिंचाई करना अच्छा होता है।
फल तुड़ाई
टिंडे की फल तुड़ाई जब टिंडा अच्छा गोल और हरा चमकदार और नरम अवस्था में हो जाए तब हमे इसकी तुड़ाई करनी चाहिए साथ ही 4 से 5 दिन में इसकी तुड़ाई करनी चाहिए।
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