Soybean Variety JS 2034 : सोयाबीन की बुआई खरीफ सीजन में की जाती है। इसकी बुआई जून के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ कर दी जाती है। लेकिन सोयाबीन की बुवाई का सबसे अच्छा समय जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के मध्य तक है। इसे देखते हुए किसानों को सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली किस्मों के बारे में जानना आवश्यक है ताकि वे अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन कर समय पर सोयाबीन की बुआई कर सकें। सोयाबीन भारत में खरीफ फसल के अंतर्गत आता है। सोयाबीन फसल से अच्छी उपज पाने के लिए जेएस 2034 की बुवाई कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं सोयाबीन की जेएस 2034 उन्नत किस्म खेती और उत्पादन के बारे में ;
सोयाबीन किस्म जे.एस. 20-34 की बुवाई जून के अन्तिम सप्ताह में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त है बोने के समय अच्छे अंकुरण हेतु भूमि में 10 सेमी गहराई तक उपयुक्त नमी होना चाहिए। जुलाई के प्रथम सप्ताह के पश्चात बोनी की बीज दर 5- 10 प्रतिशत बढ़ा देनी चाहिए। सोयाबीन की बोनी कतारों में करना चाहिए। कतारों की दूरी 30 सेमी. ‘’ बोनी किस्मों के लिए ‘’ तथा 45 सेमी. बड़ी किस्मों के लिए उपयुक्त है। बीज 2.5 से 3 सेमी. गहराई तक बोयें।
सोयाबीन JS 2034 किस्म के बारे में
इस किस्म की बुवाई का उचित समय 15 जून से 30 जून तक का होता हैं।
सोयाबीन की इस किस्म में दाने का रंग पीला, फूल का रंग सफेद तथा फलिया फ्लैट होती है।
यह किस्म कम वर्षा होने पर भी अच्छा उत्पादन देती है।
सोयाबीन जेएस 2034 किस्म का उत्पादन करीब एक हेक्टेयर में 24-25 क्विंटल तक होता हैं।
फसल की कटाई 80-85 दिन में हो जाती हैं।
इस किस्म की बुवाई के लिए बीज मात्रा 30-35 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त हैं।