पिछले कुछ वर्षों से कपास में रस चूसक कीटों का प्रकोप अन्य कीटों की तुलना में अधिक पाया जा रहा है। इनमें सफेद मक्खी प्रमुख कीट है। यह सफेद हल्के पीले रंग का 2 मिमी आकार का कीट है। जिसका वयस्क पंख वाला, अवयस्क (निम्फ) जू की शक्ल के पंखहीन होता है। कीट के प्रकोप से पौधे की पत्तियां फफूंद जमा होने के कारण काली पड़ जाती हैं। यह कीट जुलाई से मध्य सितम्बर तक अधिक सक्रिय रहता है।
सफेद मक्खी कीट नियंत्रण
बिजाई से 60 दिन तक सफेद मक्खी के प्रारम्भिक प्रकोप से बचाव हेतु नीमयुक्त कीटनाशक का उपयोग करे।
फसल में सफेद मक्खी की जाँच-पड़ताल काश्तकार द्वारा बिजाई करने के 30 दिन से शुरू कर प्रत्येक सप्ताह में कम से कम दो बार अवश्य करना चाहिए। कीट की संख्या आर्थिक हानि स्तर (ई.टी.एल.) 8-12 वयस्क अथवा 16-20 वयस्क प्रति पत्ती दिखाई देने पर कीटनाशक का छिड़काव करें।
सफेद मक्खी नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशक का उपयोग करें।
कीटनाशक मात्रा (ग्राम/मिली प्रति लीटर पानी)
- निम्बेसिडिन+ तरल साबुन (5 मिली +1 मिली) प्रति लीटर पानी
- तिल का तेल + तरल साबुन (12.50 मिली+1 मिली) प्रति लीटर पानी
- डाईफेन्यूरॉन 50 डब्ल्यूपी- 2 ग्राम प्रति लीटर पानी
- स्पाइरोमेसिफेन 150 ओडी -1.5 मिली प्रति लीटर पानी।
- फ्लोनिकामाइड 50 डब्ल्यूजी- 8 ग्राम प्रति लीटर पानी
- थायोमेथोग्जाम 25 डब्ल्यूजी- 5 ग्राम प्रति लीटर पानी।
- ट्राइजोफॉस 40 ईसी- 2.5 मिली प्रति लीटर पानी।
- इथियॉन 50 ईसी- 2 मिली प्रति लीटर पानी।
यह रखे सावधानी
- निओनिकोटिनॉइड समूह के कीटनाशी का उपयोग नहीं करे।
- दो कीटनाशक मिलाकर अथवा पाइरेथ्रोइडयुक्त कीटनाशक का छिड़काव नहीं करे। एक कीटनाशी का लगातार छिड़काव नहीं करे।
- छिड़काव के 24 घंटे के अंदर वर्षा होने पर कीटनाशी का दोबारा छिड़काव करे।
- 35-40 पीले चिपचिपे ट्रैप प्रति हैक्टयर की दर से फसल में लगाए।
- स्प्रे मशीन को उपयोग पूर्व और बाद में अच्छे से साफ करे।